यूरोप

Nobel Winners: नोबेल शांति पुरस्कार के मंच से विजेताओं ने लगाई पुतिन की क्लास, यूक्रेन में रूस के युद्ध की निंदा

नोबेल शांति पुरस्कार के रूसी, यूक्रेनी और बेलारूसी विजेताओं ने नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में पुरस्कार समारोह के दौरान यूक्रेन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध की निंदा की। अब रूस में प्रतिबंधित रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल (Memorial), यूक्रेन के सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज (Center for Civil Liberties CCL) और जेल में बंद बेलारूसी मानवाधिकार वकील एलेस बालियात्स्की (Ales Bialiatski) को सम्मानित किया गया था। बालियात्स्की की पत्नी नतालिया पिंचुक (Natalia Pinchuk) ने उनकी जगह पुरस्कार लिया।

Dec 11, 2022 / 01:26 pm

Amit Purohit

Nobel Peace Prize winner

तीनों विजेताओं को किया गया सम्मानित
नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं को उनके कई वर्षों के काम, सत्ता में बैठे लोगों की आलोचना करने और आवश्यक नागरिक अधिकारों का बचाव करने के लिए सम्मानित किया गया। बालियात्स्की डेढ़ साल से बेलारूस की जेल में है, इसलिए उसकी पत्नी नतालिया पिंचुक ने उसका प्रतिनिधित्व किया। सीसीएल और मेमोरियल के प्रतिनिधि खुद पदक लेने के लिए आए और उन्होंने यूक्रेन पर ‘सनकी और आपराधिक’ आक्रमण शुरू करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निंदा करने के लिए अपने भाषणों का इस्तेमाल किया।
हमला झेलने वाले कैसे थामे शांति की मशाल
सीसीएल की प्रमुख अलेक्जेंड्रा मत्वीचुक ने कहा, ‘यूक्रेन के लोग दुनिया में सबसे ज़्यादा शांति चाहते हैं लेकिन जिस देश पर हमला हो रहा है, वह हथियार डाल कर शांति नहीं पा सकता है।’ मत्वीचुक ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन, उनके सहयोगी बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको और ‘अन्य युद्ध अपराधियों’ के लिए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के लिए अपनी अपील दोहराई। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर रूसी बमबारी के कारण मुझे अपना नोबेल स्वीकृति भाषण मोमबत्ती की रोशनी में लिखना पड़ा। रूसी आक्रमण की शुरुआत के नौ महीनों में, सीसीएल ने कथित युद्ध अपराधों के 27,000 से अधिक मामलों का दस्तावेजीकरण किया है।
रूस में फासीवाद की अब नई परिभाषा
उनके रूसी सह-पुरस्कार विजेता मानवाधिकार संगठन मेमोरियल के अध्यक्ष यान रचिंस्की ने पूर्व सोवियत संघ से विरासत में मिली रूस की ‘शाही महत्वाकांक्षाओं’ की निंदा की ‘जो आज भी फल—फूल रही है।’ उन्होंने कहा कि पुतिन और उनके ‘वैचारिक दासों’ ने ‘अपने स्वयं के राजनीतिक हितों के लिए ‘फासीवाद-विरोधी संघर्ष को हाईजैक’ कर लिया है। अब, ‘रूस में सत्ता के प्रतिरोध को ‘फासीवाद’ कहा जाता है।’
पूरा बेलारूस ही बन गया जेल
पिंचुक ने अपने पति बालियात्स्की की ओर से बात की, जिन्हें कर चोरी के लिए बेलारूस में 12 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ रहा है। उनके समर्थकों का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। बालियात्सकी की ओर से पिंचुक ने कहा कि मेरी मातृभूमि में, पूरा बेलारूस ही एक जेल बन गया है।

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