ये भी पढ़ें- UP Panchayat Chunav Result 2021: जीतने के बाद भी सपा प्रत्याशी को नहीं दिया प्रमाण पत्र, भाजपा पर दबाव बनाने का लगाया आरोप महेवा विकासखंड की ग्राम पंचायत बहेड़ा से विजय प्रताप सिंह ने पर्चा भरा था। घोषित किए गए नतीजे में विजय प्रताप सिंह 380 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीत गए, लेकिन उनकी पत्नी सुनीता सिंह अपने पति को प्रधान बनते देखने से पहले ही दुनिया से चली गईं। सुनीता ने भी अपना पर्चा डमी प्रत्याशी के रूप में भरा था।
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19 अप्रैल को मतदान होने के बाद सुनीता सेंगर को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया और तमाम प्रयास के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका। 30 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई। मतगणना में विजय प्रताप सिंह सेंगर को विजेता घोषित किया गया। विजय प्रताप सिंह 380 वोटों के अंतर से जीते। विजय प्रताप सिंह को कुल 814 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 434 वोट मिले।
19 अप्रैल को मतदान होने के बाद सुनीता सेंगर को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया और तमाम प्रयास के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका। 30 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई। मतगणना में विजय प्रताप सिंह सेंगर को विजेता घोषित किया गया। विजय प्रताप सिंह 380 वोटों के अंतर से जीते। विजय प्रताप सिंह को कुल 814 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 434 वोट मिले।
‘सुनीता जीवित होती तो बात ही अलग होती’-
निर्वाचित ग्राम प्रधान विजय प्रताप सेंगर का कहना है कि सुनीता जीवित होती तो खुशी की बात ही अलग होती। उन्होंने बताया कि पत्नी की इच्छा उनको प्रधान बनते देखने की थी, लेकिन ईश्वर ने परिणाम से पहले ही सुनीता को छीन लिया। विजय प्रताप सिंह सेंगर की पहचान इलाके में बड़े समाजसेवियों के रूप में है।
निर्वाचित ग्राम प्रधान विजय प्रताप सेंगर का कहना है कि सुनीता जीवित होती तो खुशी की बात ही अलग होती। उन्होंने बताया कि पत्नी की इच्छा उनको प्रधान बनते देखने की थी, लेकिन ईश्वर ने परिणाम से पहले ही सुनीता को छीन लिया। विजय प्रताप सिंह सेंगर की पहचान इलाके में बड़े समाजसेवियों के रूप में है।