19 अप्रैल को मतदान होने के बाद सुनीता सेंगर को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया और तमाम प्रयास के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका। 30 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई। मतगणना में विजय प्रताप सिंह सेंगर को विजेता घोषित किया गया। विजय प्रताप सिंह 380 वोटों के अंतर से जीते। विजय प्रताप सिंह को कुल 814 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 434 वोट मिले।
निर्वाचित ग्राम प्रधान विजय प्रताप सेंगर का कहना है कि सुनीता जीवित होती तो खुशी की बात ही अलग होती। उन्होंने बताया कि पत्नी की इच्छा उनको प्रधान बनते देखने की थी, लेकिन ईश्वर ने परिणाम से पहले ही सुनीता को छीन लिया। विजय प्रताप सिंह सेंगर की पहचान इलाके में बड़े समाजसेवियों के रूप में है।