वहीं वक्फ संपत्तियों की खरीद-फरोख्त को लेकर की गई गड़बड़ी की शिकायत पर भी टीम ने जांच के आदेश दिए गए है। प्रशासन द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने वालों के खिलाफ बड़े अभियान की तैयारी की जा रही है। इनमें विशेष तौर पर सरकारी जमीनों अथवा पट्टे की जमीन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शहर क्षेत्र में ही कुछ नजूल भूमि पर भी लगातार कब्जे की शिकायतें मिल रही हैं। इसको लेकर सरकारी अभिलेखों की जांच भी कराई जा रही है। सदर तहसील के अलावा भरथना, जसवंतनगर, ताखा में भी ऐसे ही जमीनों की समीक्षा करके उसे चिन्हित किया जा रहा है।
सरकारी विभाग रखेंगे अपनी भूमि पर नजर जिले के सभी सरकारी विभागों को उनकी जमीन पर निगरानी के आदेश दिए गए है। जिससे किसी भी प्रकार से सरकारी जमीनों को कब्जे से बचाया जा सके। विशेष तौर पर वन विभाग, भूमि सुधार, सिंचाई विभाग ,लोक निर्माण विभाग की जमीनों को सुरक्षित करने के लिए भी उनकी निगरानी की जा रही है।
उन्होने बताया कि नेशनल हाईवे ,स्टेट हाईवे के अलावा जिला मुख्यालय से जुडी सभी प्रमुख सडकों के आसपास की जमीनों की भी निगरानी के आदेश दिए गए है। विशेष तौर पर चौड़ीकरण अथवा नवनिर्माण वाली सडकों के आस-पास किसी भी प्रकार का कब्जा न हो इसके लिए सतर्कता बरती जा रही है।
सदर तहसील में सभी प्रकार की भूमि का डिजिटल निगरानी तंत्र भी तैयार किया जाएगा। इसके लिए साफ्टवेयर के माध्यम से राजस्व मैप को डिजिटल करके सभी जगहों को चिन्हित किया जाएगा। जियो टैगिंग के माध्यम से जमीन की पूरी पैमाइश मैप में दर्ज होगी। साथ ही उसके प्रकार को भी आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा। निजी संपत्तियों के संबंध में रजिस्ट्रार कार्यालय को भी ऐसे ही निगरानी तंत्र को विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। शहर में वफफ संपत्तियों की अवैध रूप से हुई खरीद फरोख्त की भी जांच कराई जाएंगी। दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया जाएगा।