ये भी पढ़ें- शिवापल के उपचुनाव न लड़ने पर आई बहुत बड़ी खबर, प्रसपा लोहिया ने बनाई यह रणनीति गेट पर लगा था ताला- गौवंशों की मौत पर जिला प्रशासन पूरी तरीके से मौन बैठा हुआ है। शुक्रवार को जब गायों की मौत की सूचना पत्रकारों कों मिली तो पूरा दल परौली रामायन की गौशाला के मुख्य द्वार पर पहुंचा। पर गेट पर ताला लगा हुआ था। जिस पर आवाज लगाने पर एक चतुर्थ श्रेणीकर्मी ने गेट पर आकर कहा कि मीडिया कर्मियों का गौशाला के अंदर प्रवेश वर्जित है। इस पर गौशाला की बाउंड्री के बाहर से ही मरी हुई गायों का वीडियो बनाया गया। जिसमें साफ दिख रहा है कि भूख और बीमारी के चलते गौवंशों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।
ये भी पढ़ें- उपचुनावों की समय सारिणी हुई जारी, इस तारीख को होगा नामांकन, मतदान, इस दिन आएंगे नतीजे कुत्ते नोच खा रहे हैं गौवंशों का मास- आज करीब 8 गोवंशो की मौत हो गई, लेकिन पूरा जिला प्रशासन मौन है। वहीं गौशाला को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि इस गौशाला के बनने से आसपास के करीब एक दर्जन गांवों का जीना दुश्वार हो गया है। इस गौशाला में हो रही गायों की मौत से गौशाला में उनके पड़े शव सड़ रहे। जिन्हें कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे हैं और गौवंशों के मास की बोटी गांव में लाते हैं। राधेलाल पुत्र बैचेलाल, तुलसीराम, श्यामलाल, सतीश चंद्र, सुवेदार ग्रामीणों का कहना है कि गौवंशों को सही तरीके से अगर उपचार मिलता तो उनकी मौत न होती। अभी तक जब से ये गौशाला बनी है तब से करीब 600 गौवंशों की मौत हो चुकी है। बीमार गौवंशों को डॉक्टर समय से नहीं देखने आते हैं, जिस कारण गौवंशों की मौत हो रही है।
ये भी पढ़ें- यूपी के 3 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, इन चार मंत्रियों में बांटे गए मंत्रालय, सीएम योगी अपने पास रखेंगे यह विभाग स्वतंत्र देव सिंह ने दिए यह निर्देश- इधर राज्य के परिवहन और जिले के प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने विकास भवन में समीक्षा बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को साफ-साफ निर्देश दिये हैं कि नगर व कस्बों में इधर-उधर घूमने वाली गायों को पकड़वाकर गौशाला पहुंचाया जाए। पशु मालिक अपने गाय को लेने आये तो उसपर जुर्माना लगाकर उसका पशु उसे वापिस किया जाये। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से कहा कि सभी गौशालाओं का निरीक्षण कर उसकी सूचना एकत्र की जाये।