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इटावा

यूपी के ऐतिहासिक तालाब में लाखों मछलियों की मौत, केमिकल की जांच शुरू

उत्तर प्रदेश के इटावा में ऐतिहासिक पक्का तालाब विभिन्न प्रजाति की बड़े पैमाने पर मछलियों की मौत से हड़कंप मच गया है। विभिन्न प्रजाति की मछलियों की मौत कैसे हुई है यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पा रही है लेकिन कुछ जानकार ऐसा बता रहे हैं कि भीषण गर्मी की जद में आने से इन मछलियों की मौत हुई होगी लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि शिकारियों की ओर से फेंके गए किसी केमिकल की वजह से इन मछलियों की मौत हो सकती है। मछलियों की मौत की असल बजे तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी लेकिन इन मछलियों की मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है।

इटावाJun 17, 2022 / 06:55 pm

Dinesh Mishra

Fish Death in Etawah

Fish Death in Etawah

इटावा शहर का ऐतिहासिक एक मात्र पक्का तालाब मछलियों के लिए नरक बन गया है।
हर वर्ष इसमें हजारों लाखों की तादात में मछलियां मर जाती है। 3 दिन से लगातार विभिन्न प्रजातियों की हजारों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। यह तालाब नगर पालिका परिषद की देखरेख में आता है। जिसके चलते इस तालाब की साफ सफाई का कार्य शुरू किया गया था।
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इटावा पालिका टीम ने तालाब में ब्लीच पाउडर व कैमिकल का छिड़काव करवाया था। मछलियों की मौत उसी के चलते होना मानी जा रही है। तालाब के आसपास मंदिर-मस्जिद और कॉलेज भी है। जिस कारण यहां पर सुबह शाम आने जाने वाले लोगों का बदबू से बुरा हाल हो रहा है।
ब्लीच,कैमिकल बना मछलियों की मौत का कारण

पक्का तालाब में अभियान चलाकर सफाई एवं तलाब के पानी को विसंक्रमण (शुद्ध) करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया था। डीएम के निर्देश पर नगर पालिका परिषद के ईओ के निर्देशन में शहर के तालाब से गंदगी की साफ-सफाई का कार्य तीन दिन पूर्व शुरू किया गया था। साथ ही लोगों से पक्का तालाब पर पहुंचकर पानी में किसी प्रकार की गंदगी न फेंकने की अपील की गई थी। जिससे जलीय जीवों का जीवन संकट में न पड़े।
नगर पालिका परिषद के ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी ने शहर के प्रसिद्ध पक्का तालाब में गंदगी आदि होने पर पालिका कर्मियों से साफ-सफाई कराई थी। इसके साथ ही परिसर में किसी प्रकार की गंदगी न फैले इसके लिए जनता से अपील भी की गई थी। लेकिन लगातार दो दिन से हजारों मछलियां मर रही है। आस पास के लोगों ने बताया कि तालाब का पानी साफ करने के लिए पालिका ने ब्लीच पाउडर का छिड़काव किया था तो सम्भवतः इसी कारण मछलियां मर रही है।
ब्लीच पानी में नही डाला गया

वही नगरपालिका ईओ विनय मणि त्रिपाठी ने बताया कि साफ सफाई का कार्य किया जा रहा था मछलियां मरने का कारण ब्लीच पाउडर नही बल्कि तालाब का पानी गर्म होने के कारण उनकी मौत हो रही है। तालाब के पानी को ठंडा करने के लिए लगातार ट्यूबवेल का पानी छोड़ा जा रहा है। और साथ ही तालाब की सतह पक्की होने के कारण इसका पानी गन्दा और गर्म हो जाता है।
पानी सफाई के लिए केमिकल हानिकारक

मत्स्य विकास अधिकारी हिमांशु यादव ने बताया गर्मी में पानी का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। तालाबों में ऑक्सीजन बढ़ाये जाने सम्बंधी दवाई डाला जाना चाहिए जिससे भीषण गर्मी में मछलियों को सही से ऑक्सीजन मिल सके। अगर तालाब में ब्लीच या अन्य केमिकल पानी को साफ करने के लिए डालेंगे तो निश्चित ही यह मछलियों की मौत का बन जायेगा।

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