अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम प्रदेश की सरकार में उपेक्षा का शिकार बन गया है। सरकार की अनदेखी के चलते अंतिम फिनिशिंग का कार्य अधर में है। क्रिकेट स्टेडियम उत्तर प्रदेश का सबसे अच्छा और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता स्टेडियम ,सरकार की अनदेखी से
क्रिकेट स्टूडेन्ट का भविष्य अन्धकार में पड़ सकता है ।
इटावा में सैफ़ई में बन रहे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की दर्शक क्षमता कानपुर के
ग्रीन पार्क स्टेडियम से भी ज्यादा है । ग्रीनपार्क में जहां मात्र तीस हजार दर्शकों की है वहीं सैफ़ई के इस स्टेडिम की क्षमता पैंतीस हजार से भी अधिक है । इस स्टेडियम में क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए मैच खेलने के लिए सात पिच और प्रैक्टिस के लिए दो पिच बनाई गई हैं । देश का सबसे बड़ा स्कोर बोर्ड बनाया गया है जो कि 17 मीटर लंबा और 9 मीटर चौड़ा है । विशेष बात यह भी है कि इस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया की बरमूडा घास मैदान में लगाई गई है । बरसात का पानी 7 मिनेट में सूखने की व्यवस्था है साथ ही इस तरह से मैदान बनाया गया है कि बरसात का पानी कुछ ही मिनटों में सोख लेगा और ड्रेनेज सिस्टम से सोखे गए पानी को अंदर ही अंदर स्टेडियम के बाहर कर देगा ।
प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान आये थे तो वो स्टेडियम का निरीक्षण भी कर गए उन्होंने तो स्टेडियम की तारीफ भी की है लेकिन जो बजट की डिमांड की है कि उसके बारे में कुछ भी नही बताया । स्टेडियम लगभग पूरा है 90 प्रतिशत कार्य हो चुका है 10 प्रतिशत फाइनल कार्य बचा है । इस स्टेडियम में घरेलू मैच से लेकर वनडे,टी ट्वेंटी मैच के अलावा आईपीएल व आईसीएल हो सकते हैं । स्टेडियम का निर्माण मोहाली के चीफ कुरेटर की देख रेख में हुआ है जल्दी ही इसको खेल विभाग को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
सैफ़ई के स्पोर्ट्स कॉलेज के क्रिकेट खिलाड़ियों का कहना है कि यह स्टेडियम से ही हमारा भविष्य जुड़ा है जितना जल्दी शुरू हो जाएगा तो इसमें प्रैक्टिस का मौका मिलेगा । अभी तक हम लोगों के पास क्रिकेट का कोई मैदान नहीं है ।