धूम्रपान से 70 लाख लोगों की मृत्यु रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आदेश कुमार ने बताया कि धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त धूम्रपान से स्ट्रोक का खतरा दो से चार गुना ज्यादा बढ़ जाता है। धूम्रपान से प्रतिवर्ष विश्व में 70 लाख और भारत में 10 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने बताया कि धुम्रपान करने वालों को मुॅह का कैंसर, धमनियों की समस्या, प्रजनन क्षमता में कमी, आदि की समस्या आम है। तंबाकू का प्रयोग करने वाले दो तिहाई लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, लेकिन छोड़ नहीं पाते। इसके लिए चिकित्सकीय परामर्श तथा काउन्सिलिंग लेना जरूरी है।
एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों और सब्जियों का करें सेवन कुलसचिव डॉक्टर पीके जैन ने कहा कि धूम्रपान एवं तंबाकू से बचने और इससे मुक्ति पाने के लिए धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को दिनचर्या एवं आहार में सुधार के साथ योग एवं प्राणायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। इसके अतिरिक्त धूम्रपान एवं तंबाकू छोड़ते समय व्यक्ति को अपने भोजन में एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों और सब्जियों का सेवन नियमित रूप से शुरू कर देना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉक्टर रमाकान्त यादव, कुलसचिव डॉ. पीके जैन चिकित्सा अधीक्षक एवं रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. आदेश कुमार, डॉ. रविरंजन, डॉ. नेकराम, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग से डॉ. आदित्य कुमार गौतम, डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. प्रशान्त यादव, आदि ने वर्ल्ड नो टोबैको डे के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में फैकेल्टी मेम्बर, चिकित्सक तथा विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय के अतिरिक्त बड़ी संख्या में आये मरीजों एवं उनके परिजनों ने भाग लिया। इस अवसर पर टोबैको का सेवन करने वालेे मरीजों के लिए विशेष शिविर लगाकर उनके स्वास्थ्य की जॉच एवं काउन्सिलिंग की गयी।