घटना के वक्त मौजूद एक यात्री ने बताया, “मैं ट्रेन की अनाउंसमेंट को सुनने के लिए बैठा हुआ था। तभी अचानक से ‘डिंपल यादव जिंदाबाद’ के नारों की आवाज सुनाई देने लगी। ‘डिंपल यादव जिंदाबाद के कई बार नारे सुनाई दिए। मैं किसी का समर्थक नहीं हूं मेरे लिए सभी बराबर हैं, लेकिन जब रेलवे इंक्वायरी से डिंपल यादव जिंदाबाद के लगातार नारे सुनाई दिए तब मैंने काउंटर पर जाकर विरोध किया।”
कार स्टैंड के कर्मचारी मोहित चतुर्वेदी ने बताया, “लगभग रात के 11:00 बज चुके थे। अनाउंसमेंट माइक से ट्रेनों की जानकारी सुनाई दे रही थी। वहां से अचानक से डिंपल यादव जिंदाबाद के नारे सुनाई देने लगे। जब मैंने वहां जाकर देखा, तो वहां कई यात्री खड़े थे। इंक्वायरी कर्मचारी ने माफी भी मांगी। मामला शांत करने की कोशिश की। बुजुर्ग यात्री जो गेहूंए रंग का पहने हुए थे, उन्होंने भी विरोध किया। यह नारेबाजी लगभग 15 से 20 बार रेलवे अनाउंसमेंट से सुनाई दी।”’