शेरनी जेनिफर और गौरी 30 अप्रैल को बीमार हुई थीं। जांच में उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव निकली। सात मई को उनकी रिपोर्ट आई थी इसके बाद से लगातार उनका इलाज चल रहा है। पिछले 11 दिन से इटावा सफारी पार्क में कोरोना से संक्रमित चल रहीं शेरनी जेनिफर व गौरी को बचाने के लिए सफारी प्रशासन ने देश भर के विशेषज्ञों की मदद ली है। शेरनी के इलाज के लिए भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान बरेली, वेटनरी विश्वविद्यालय मथुरा, भालू संरक्षण केंद्र आगरा व केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के विशेषज्ञों की मदद ली गई है। दोनों शेरनियों की हालत नाजुक बनी हुई है। सफारी प्रबंधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सलाह मशवरा करके इनका इलाज करा रहा है।
24 घंटे निगरानी शेरनी के इलाज के लिए भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान, बरेली के वैज्ञानिक डॉ. करीकलन, डॉ. महेंद्रम व देश के प्रसिद्ध वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. एम पावड़े से सलाह ली गई है। वहीं वेटनरी विश्वविद्यालय मथुरा के डॉ. आरपी पांडेय, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव व केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के वैज्ञानिकों के अलावा भालू संरक्षण केंद्र आगरा के डॉ. इलैयाराजा से भी वीडियो कान्फ्रेंसिग के द्वारा सलाह ली गई है। कानपुर चिड़ियाघर के भूतपूर्व चिकित्सक डॉ. आरके सिंह, कानपुर चिड़ियाघर के चिकित्सक डाॉ नासिर व इटावा के स्थानीय चिकित्सक डॉ. रॉबिन यादव भी 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। सफारी के दो डॉक्टर कोरोना काल में छुट्टी पर हैं। इनमें डॉ. आरपी वर्मा के पुत्र के कोरोना संक्रमित होने के कारण वे ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं जबकि दूसरे डॉ. सर्वेश राय भी खुद कोरोना संक्रमित हो गए हैं। वह आइसोलेशन में हैं।
आरटीपीसीआर टेस्ट में पांच संक्रमित सफारी के निदेशक केके सिंह व उपनिदेशक सुरेश चंद राजपूत दिन में लगातार तीन बार पशु अस्पताल का निरीक्षण कर शेरनी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। सफारी में सभी कर्मचारियों का पहले ही आरटीपीसीआर टेस्ट करा दिया गया था जिनमें से पांच लोग संक्रमित पाए गए थे। उन्हें अलग कर दिया गया है। जिस अस्पताल में शेरनी का इलाज चल रहा है वहां के स्टाफ को बाहर जाने की इजाजत नहीं है।