कोतवाली क्षेत्र के गांव चक सलेमपुर गांव की रहने वाली रीता(21) 19 सितंबर 2020 को अचानक लापता हो गयी थी। एक सप्ताह बाद 26 सितंबर को उसका शव कंकाल की हालत में गांव के बाहर एक खेत से बरामद किया गया था। रीता की मां भगवानदेवी ने शव की शिनाख्त अपनी बेटी रीता के रूप में की और पुलिस को शिकायत देकर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने उसकी एक न सुनी और टकराती रही। इससे परेशान होकर पीड़िता ने अधिवक्ता अश्वनी सिंह के जरिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
यह भी पढ़े – Indian Railways News: शताब्दी एक्सप्रेस में मिले 2 किलो सोने के गहने, जानिए क्या है पूरा मामला हाईकोर्ट ने दिए आदेश हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले महिला के प्रार्थनापत्र को गंभीरता से लेते हुये रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिये। इस पर पुलिस ने जसवंतनगर थाने में महिला की तहरीर पर उसके ही गांव के रहने वाले राम कुमार, उसके बेटे मोहित, मोहित की मां मिथलेश व सत्येंद्र निवासी ज्वालापुर बलरई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस हरकत में आ गयी। पुलिस ने फिर से पुराने दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिये। पुलिस ने युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि की छानबीन की। इसी के तहत पुलिस अब ये पुष्टि करना चाह रही है कि जिस युवती का कंकाल में तब्दील शव मिला था वह भगवानदेवी की बेटी है। इसीलिये गुरुवार को पुलिस ने रीता की मां भगवानदेवी व पिता कुंवर सिंह को बुलाकर डीएनए सैंपल की कार्यवाही कराई। मामले की विवेचना सीओ जसवंतनगर अतुल प्रधान कर रहे हैं। वहीं अपनी बेटी, बेटे व पति के साथ डीएनए सैंपल के लिये आयी पीड़ित मां ने बताया कि अब उसको उम्मीद लग रही है कि बेटी को न्याय दिला पायेगी।
क्यों होगा डीएनए टेस्ट सीओ अतुल प्रधान दो साल पहले एक युवती का शव कंकालनुमा मिला था। उसका बिसरा लैब में सुरक्षित रखा गया है। शिकायकर्ता ने उसको अपनी बेटी बताया है, डीएनए टेस्ट कराकर इसकी पुष्टि की जा रही है कि कंकाल उनकी बेटी का ही है, इसके बाद विवेचना तेज हो जायेगी। घटना के आरोपियों पर भी पुलिस की नजर है।