13 साल की छोटी सी उम्र में ही पूर्व दस्यु सुन्दरी सुरेखा को डकैत सलीम गुर्जर ने अगवा कर लिया था। क्योंकि उसे सुरेखा के पिता व थाना सहसों के चौकीदार देवी चरण पर मुखबिरी का शक था। सुरेखा उस वक्त पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी। सुरेखा के मुताबिक, जंगल में ले जाकर सलीम ने उससे शादी कर ली। पुराने वाकये को याद कर वह बताती हैं कि वर्ष 2004 में सलीम गैंग और मध्य प्रदेश के भिंड जिले की पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। उस वक्त वह गर्भवथी, जिसके चलते वह भाग न सकी और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अगले ही दिन पुलिस अभिरक्षा में उसने भिंड के जिला अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया था। 2006 में सलीम का एनकाउंटर हो गया था।
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गांव के लिए कुछ करना चाहती हैं सुरेखा
जेल से छूटने के बाद से सुरेखा बेटे संग थाना सहसो के बदनपुरा गांव में अपने भाई-भाभी के साथ रह रही हैं। यहां वह बेटे को पढ़ाने साथ-साथ गांव की महिलाओं को सिलाई का काम सिखा रही हैं। गुर्जर बाहुल्य गांव में सुरेखा का एक मात्र परिवार धोबी जाति का है। सुरेखा का कहना है कि बागी जीवन के दौरान कभी भी किसी महिला एवं निर्दोष के साथ अत्याचार नहीं किया और न ही सलीम गुर्जर के गैंग में किसी भी डकैत को करने दिया। अब वह गांव के लिए कुछ करना चाहती हैं।