इटावा

अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट को तगड़ा झटका, सीएम योगी को खुश करने के लिए पहले होगा इसका उद्घाटन

शासकीय स्तर पर इसकी अनुमति नहीं मिलने से इसे आगे के लिए टाल दिया गया है।

इटावाNov 14, 2018 / 04:32 pm

Abhishek Gupta

yogi Akhilesh

पत्रिका एक्सक्लूसिव.
दिनेश शाक्य.
इटावा. सीएम योगी के गृह जिले गोरखपुर में त्वरित ढंग से बनाये जा रहे मिनी चिड़िया घर की कामयाबी के लिहाज से राज्य वन विभाग के अफसरों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इटावा में स्थापित कराये गये वर्ल्डफेम इटावा सफारी पार्क को ठंडे बस्ते में डाल दिया हैं। इसकी जानकारी इटावा सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि वनमंत्री दारा सिंह के निर्देशानुसार इटावा सफारी पार्क को वन्य जीव सप्ताह के दौरान चालू किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन शासकीय स्तर पर इसकी अनुमति नहीं मिलने से इसे आगे के लिए टाल दिया गया है।
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वहीं दूसरी ओर सीएम योगी के गृह जिले गोरखपुर में स्थापित किये जा रहे अशफाक उल्लाह खॉ प्राणी उद्यान के लिए गुजरात से आने वाले 11 शेरों को इटावा सफारी पार्क में रखने की कार्रवाई चल रही है, जिनके जल्द ही पहुंचने की उम्मीदें हैं।
गुजरात व यूपी सरकार के बीच बनी सहमति-

मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में स्थापित किये जा रहे अशफाक उल्लाह खॉ प्राणी उद्यान के लिए गुजरात से चार नर व सात मादा शेर इटावा में दिसंबर के पहले सप्ताह तक आ जाएंगे। इन शेरों को पिंजड़ों में रहने के लिए इटावा सफारी पार्क में प्रशिक्षित किया जाएगा । प्रशिक्षण के बाद इन शेरों को गोरखपुर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। एशियाई शेरों को लेकर गुजरात व यूपी सरकार के बीच सहमति बना ली गई है। शासन ने 15 नवंबर तक केंद्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं।
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एशियाई शेरों में संक्रमण का सर्वाधिक खतरा-
इटावा सफारी पार्क में एशियाई शेर वर्ष 2014 में आए थे। नए माहौल में रहने में इन्हें कुछ दिनों तक असहजता महसूस होती है। एशियाई शेरों में संक्रमण का सर्वाधिक खतरा रहता है। केनाइन डिस्टेंपर वायरस इन पर तेजी से अटैक करता है। सफारी पार्क इस बीमारी से लड़ने की जंग भी जीत चुका है। देश में इस बीमारी की वैक्सीन अमेरिका से मंगाने का लाइसेंस सिर्फ इटावा सफारी पार्क के पास है। ऐसे में इन शेरों को यूपी के माहौल के अनुकूल ढालने के लिए मुख्यमंत्री ने इटावा सफारी पार्क को जिम्मेदारी दी है।
दारा सिंह ने किया था ऐलान-

इटावा सफारी पार्क को वन्य जीव सप्ताह के दौरान आम लोगों के लिए खोले जाने की प्रकिया अपनाई जाने वाली थी, लेकिन ऐन मौके पर राज्य वन विभाग की ओर से हरी झंडी ना मिलने से सारी की सारी कवायद पूरी तरह से फेल हो गई। खुद राज्य वन मंत्री दारा सिंह चौहान 1 जुलाई को इसका दौरा किया था और वन्य जीव सप्ताह के दौरान इसे खोलने का आश्वासन भी दिया था। उसी के चलते इटावा सफारी प्रशासन के अफसर यहॉ कामकाज में लग गए थे। 1 जून को सीएम योगी ने यहां इटावा सफारी पार्क का उद्घाटन भी किया था, लेकिन आम लोगों के लिए इसे अभी तक नहीं खोला गया।
अखिलेश ने उठाए थे सवाल-

इटावा सफारी पार्क के निर्माण पर 324 करोड़ रुपए खर्चा हुआ है, जिसमें लायन सफारी के साथ ही डीयर सफारी, एंटीलोप सफारी, भालू सफारी व लैपर्ड सफारी बनाई गई है। इसके साथ ही फेसलटीज सेंटर भी बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाया कि जब सफारी पार्क पूरी तरह तैयार हो गया है तो फिर आम लोगों के लिए इसे क्यों नहीं खोला गया है।
सीएम योगी को सता रहा डरा-

समाजवादी पार्टी की इटावा ईकाई के अध्यक्ष गोपाल यादव कहते हैं कि अपने शुभारंभ से पहले ही दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुकी इटावा सफारी पार्क की नजरअंदाजी किसी से भी छुपी नहीं है। इटावा सफारी पार्क का इसलिए योगी सरकार शुभारंभ नहीं करवा रही है क्योंकि योगी सरकार को इस बात का खतरा सता रहा है कि कहीं इसका फायदा समाजवादी पार्टी को नहीं मिल जाए।
इटावा सफारी पार्क की भव्यता की तारीफ योगी सरकार के अधिकाधिक मंत्री और जनप्रतिनिधि करते आये हैं, लेकिन किसी की भी हिम्मत नहीं कि इसका शुभारंभ कर सके। इटावा सफारी पार्क में साइकिल स्टैंड, पर्यटकों के वाहना स्टैंड, कैंटीन आदि के ठेके उठा दिये गये। सभी अधिकृत ठेकेदारों ने बाकायदा निरार्धित रकम में जमा कर चुके हैं, लेकिन अब वे सिर्फ और सिर्फ इंतजार कर रहे हैं।

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