काले मृग और चीतल वन्यजीवन अधिनियम 1971 के अंतर्गत शेड्यूल 1 की श्रेणी में आते हैं। ये खुले वातावरण में रहते हैं जिस कारण इनका आसानी से शिकार हो जाता है। इसलिए इन्हें संरक्षित करने के लिए शेड्यूल 1 की श्रेणी में रखा गया है। पांच साल पहले इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park) में 10 नर और 10 मादा काले मृग लाए गए थे। उसके बाद से इनकी संख्या बढ़ी है। भविष्य में इनकी संख्या और बढ़ सकती है।
अगले महीने होंगे शेरों के दीदार इटावा सफारी पार्क में अगस्त महीने से शेरों के भी दीदार होंगे। लायन सफारी को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। उपनिदेशक अरुण कुमार सिंह का कहना है कि लायन सफारी को जल्द से जल्द चालू करने के लिए शेरों का प्रशिक्षण फिर शुरू कर दिया गया है। सुल्तान बाहुबली, भरत, रूपा, सोना का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद शेरों को लायन सफारी के खुले जंगल में पर्यटकों के लिए छोड़ा जाएगा।