ये भी पढ़ें- अखिलेश यादव ने मनाया रक्षा बंधन का पर्व, तस्वीर की साझा, फिर दिया बहुत बड़ा संदेश पीएम लाल किले से दे रहे हैं भाषणा, लेकिन सपेरों के लिए नहीं उठाया कोई कदम-
वहां इकट्ठा हुए कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि यह पर्व भावनाओं से जुड़ा है। इस त्योहार का इतिहास में भी उल्लेख मिलता है। परस्पर स्नेह और सौहार्द के प्रतीक रूप में इसे मनाया जाना चाहिए। अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि झूठ बोलने वाला अच्छे कपड़े पहनते हैं, तभी तो हर आदमी उसकी बात पर यकीन कर लेता है। उन्होंने सपेरों की बदहाल जिंदगी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को सपेरों का देश भी कहा जाता था, जो भारत की असली पहचान माने जाते हैं क्योंकि इतिहासकारों ने ऐसा लिखा है कि भारत सपेरों का भी देश रहा है, लेकिन बदकिस्मती इस बात की है कि असली पहचान माने माने जाने वाले सपेरे बदहाली की जिंदगी बसर करने को मजबूर है। इन सपेरों के पास ना तो आज जमीन है और ना ही जिंदगी को चलाने के लिए कोई रोजी रोजगार। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आज लाल किले से भाषण दे रहे हैं लेकिन सपेरों कि जिंदगी की बदहाली दूर करने के दिशा में कोई कदम अभी तक नहीं उठाया गया।
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अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी को आज अनुशासन ओर प्रशिक्षण की बहुत जरूरत है। उनकी जानकारी में ऐसा आया है कि एक कार्यकर्ता दूसरे कार्यकर्ता को पार्टी के बड़े नेताओं से मिलने देने में बाधा खड़ी कर रहा है। इस प्रवृत्ति से हमको बचना चाहिए और दूसरे कार्यकर्ताओं को भी मौका देना चाहिए तभी कार्यकर्ता का सम्मान हो सकता है और उस कार्यकर्ता की इज्जत भी दूसरे कार्यकर्ता के प्रति बढ़ेगी।
खराब छवि वाले बूथ प्रभारियों पर हुए सख्त-
उन्होंने विरोधी दलों के कामकाज की चर्चा करते हुए कहा कि विरोधियों को अगर हराना है तो उनसे अच्छा काम करने की जरूरत है। हमको अपने विरोधियों से अच्छा काम करना पड़ेगा तभी हम कामयाब हो सकते हैं, अन्यथा हम विरोधी के सामने पिछड़ते ही रहेंगे। जहां विरोधी दल के लोग गांव देहात में अपने आप को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। उसी ढंग से पार्टी के लोगों को भी मजबूत करने की दिशा में काम करना पड़ेगा, लेकिन इस बात पर भी ध्यान देने की बड़ी जरूरत है कि जो बूथ प्रभारी या फिर कार्यकर्त्ता है, उसकी छवि कैसी है क्योंकि इसका असर भी पार्टी के जनाधार पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिन बूथ प्रभारियों की छवि खराब है, वह किसी भी सूरत में भरोसेमंद नहीं है क्योंकि उनकी वजह से ही गांव में जनाधार खिसकता है। ऐसे में इन बूथ प्रभारियों पर ध्यान देने की बेहद जरूरत है।
उन्होंने विरोधी दलों के कामकाज की चर्चा करते हुए कहा कि विरोधियों को अगर हराना है तो उनसे अच्छा काम करने की जरूरत है। हमको अपने विरोधियों से अच्छा काम करना पड़ेगा तभी हम कामयाब हो सकते हैं, अन्यथा हम विरोधी के सामने पिछड़ते ही रहेंगे। जहां विरोधी दल के लोग गांव देहात में अपने आप को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। उसी ढंग से पार्टी के लोगों को भी मजबूत करने की दिशा में काम करना पड़ेगा, लेकिन इस बात पर भी ध्यान देने की बड़ी जरूरत है कि जो बूथ प्रभारी या फिर कार्यकर्त्ता है, उसकी छवि कैसी है क्योंकि इसका असर भी पार्टी के जनाधार पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिन बूथ प्रभारियों की छवि खराब है, वह किसी भी सूरत में भरोसेमंद नहीं है क्योंकि उनकी वजह से ही गांव में जनाधार खिसकता है। ऐसे में इन बूथ प्रभारियों पर ध्यान देने की बेहद जरूरत है।
वेश्यावृत्ति में संलिप्त महिलाओं के लिए सरकार ने क्या किया- उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को डराना तो एक बहाना है। इस दौरान अखिलेश यादव ने ऐसा मुद्दा भी उठाया जिसपर अभी तक किसी ने बात नहीं की थी। उन्होंने वेश्यावृत्ति में शामिल महिलाओं के पक्ष में केंद्र सरकार से सवाल किया। अखिलेश ने कहा कि भले ही तीन तलाक पर कानून आ गया हो, लेकिन सरकार यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि देश में 40 लाख से अधिक महिलाएं वेश्यावृत्ति में संलिप्त हैं उनके लिए सरकार ने आखिरकार अभी तक क्या किया है। कल तक नौकरियां लोगों के सामने थी, लेकिन आज सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया को इतना जटिल कर दिया है, कि नौकरियां बड़ी मुश्किल से लोगों को मिल रही हैं।
मुस्लिम और दलित लड़कियों ने अखिलेश को बांधी राखी- वह दो घण्टे से ज्यादा जनसंवाद करते और राखी बांधने पहुंची बहनों से राखियां बंधवाते रहे । कन्नौज और मैनपुरी से आई कई मुस्लिम और दलित लड़कियों ने भी उन्हें राखी बांधी। इस मौके पर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, तेजप्रताप सिंह यादव, जिला सपा अध्यक्ष गोपाल यादव, सैफई प्रधान दर्शन सिंह यादव, इटावा पालिका अध्यक्ष फुरकान अहमद, सैफई महोत्सव प्रबंधक वेदव्रत गुप्ता के अलावा कई विधायक और एम एल सी भी मौजूद रहे।