ऐसे हुई भिड़ंत- इटावा जिला जेल के अधीक्षक राजकिशोर सिंह कहना है कि बुधवार शाम को जेल को बंद कराते समय कैदियों ने जेल कर्मियों पर हमला बोल दिया था। इस हमले के पीछे कैदियों के बीच वर्चस्य की लड़ाई बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि आगरा का मुन्ना खालिक और कानपुर का मोनू पहाड़ी नामक कैदियों के गुटों के बीच जोरदार संघर्ष हो गया। इस संघर्ष में डिप्टी जेलर जगदीश प्रसाद समेत 14 जेल कर्मी भी घायल हो गए। कैदियों के उपद्रव को देखते हुए जेल स्टाफ ने हल्का बल प्रयोग करके स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन कैदियों ने जेल कर्मियों के ऊपर पथराव किया व पेड़ों की टहनियों को तोड़कर हमला भी किया।
उपचार हो रहा- उन्होंने बताया कि इस हमले में प्रमुख रूप से घायल हुए जेल लंबरदार छुन्ना को गंभीर रूप से चोटे आई हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करा दिया गया है। जेल में घायल हुए कैदियों और जेल कर्मियों का उपचार जेल अस्पताल में किया जा रहा है। घटना के बाद जहां सिविल लाइन पुलिस को बुलाया गया। वही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी को भी जेल परिसर में तैनात किया गया है।
जेल में उपद्रव का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इटावा जेल में कई दफा ऐसी भिड़त देखने को मिली हैं। इटावा की जेल से कैदियों के भागने की घटनाओं के अलावा कैदियों की हत्याएं, जैसी वारदात भी सामने आ चुकी है।