मार्मिकता की कहानी बयान करने वाला यह वाक्या इटावा जिले के बसरेहर इलाके के अमृतपुर गांव का है जहॉ पर एक सख्श की 6 माह पहले मौत के बाद मॉ भी दोनो बच्चो को छोड कर चली गई । दोनो मासूम बच्चे पिता के गम और मॉ की जुदाई मे भटकते हुए किसी तरह से बसरहेर पुलिस थाने जा पहुचे । दरअसल बसरेहर पुलिस थाने मे यह दोनो भाई बिना कपडो के ही पहुंचे थे इसलिए आन डयूटी सब इंस्पेक्टर नीरज शर्मा ने दोनो मासूमों को पहले तो खाना खिलाया उसके बाद में उन्हें नए वस्त्र दिलवाकर उनकी मां से उन्हें जल्द मिलवाने का भरोसा दिया।
इटावा के बसरेहर इलाके के अमृतरपुर गांव के रहने वाले सफीक मोहम्मद की छह महीने पहले मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उसके दोनों पुत्रों दस वर्षीय साहिल व आठ वर्षीय सोहिल की देखरेख उनकी मां रबीना बेगम कर रही थी लेकिन चार दिन पहले अचानक से रबीना दोनों बच्चों को घर पर छोड़कर कहीं चली गई। चार दिन से परेशान दोनों मासूम बच्चे मां के इंतजार में भूख प्यास से अपने घर पर इंतजार करते रहे लेकिन उनकी मां वापस घर नहीं लौटी । इस दौरान परिवार के लोगों ने दोनों बच्चों की कोई देखरेख नहीं की । इस पर दोनों बच्चे साहिल व सोहिल अपनी बुआ हसीना बेगम के साथ रोते-बिलखते हुए सुबह थाने पहुंचे। जहां वरिष्ठ उपनिरीक्षक नीरज शर्मा के सामने जब दोनों बच्चों ने रोते हुए अपनी मां को वापस घर लाने की बात कही तो वरिष्ठ उपनिरीक्षक का दिल पसीज गया। उन्होंने दोनों बच्चों की हालत को देखते हुए पहले तो दोनों बच्चों को अपने हमराहियों से खाना मंगवाकर खाना खिलाया और फिर बाद में दोनों को साथ बाजार ले जाकर उन्हें नए कपडे व जूते दिलवाए। वरिष्ठ उपनिरीक्षक नीरज शर्मा ने दोनों बच्चों को जल्द उनकी मां से मिलाने का भरोसा भी दिलाया। इस पर दोनों बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी।
यह भी पढे: यूपी के ऐतिहासिक तालाब में लाखों मछलियों की मौत, केमिकल की जांच शुरू इटावा के एसएसपी जयप्रकाश सिंह बताते है कि बसरेहर पुलिस के पास दो मासूम भाई रोते बिलखते हुए पहुचे जहॉ पर ऑन डयूटी पुलिस सब इंस्पेक्टर नीरज शर्मा ने पुलिस दायित्वो का पालन करते हुए दोनो मासूम बच्चो की मदद के लिए हाथ बढाये । इस तरह के वाक्ये पुलिस बल को कही ना कही उत्साहित करते है ।