कोतवाली देहात इलाके के ग्राम नगला पुड़िहार निवासी 27 वर्षीय सोनू यादव मंगलवार की रात एटा में भर्ती एक मरीज के देखने के बाद बाइक से वापस अपने गांव लौट रहा था। रास्ते में बाइक किसी गाड़ी से टकरा गई और घायल सोनू को मेडिकल कॉलेज लाया गया। हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने आगरा रेफर कर दिया। जिसके बाद उसे आगरा के रामबाग स्थित कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने बुधवार को सुबह सोनू को मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम हाऊस में महसूस हुई धड़कन जिसके बाद मृतक सोनू के रिश्तेदार के शव को लेकर साढ़े 11 बजे एटा मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। वहां कर्मचारियों को शव के दिल की धड़कन महसूस हुई और यह सुनते ही रिश्तेदार तुरंत सोनू को लेकर अस्पताल के इमरजेंसी पहुंचे।
रास्ते में हुई मौत सोनू को लेकर अस्पताल के इमरजेंसी लेकर पहुंचे परिजनों से डॉक्टर ने कहा कि उसे वेंटिलेटर की जरूरत है और लेकिन वहां पर ये सुविधा नहीं है। लिहाजा उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन सोनू को अलीगढ़ ले जा रहे थे और रास्ते में उसकी मौत हो गई। इसके बाद फिर परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे।
वेंटिलेटर होता तो बच जाती भाई की जान मृतक सोनू के भाई संदीप का कहना है कि सोनू नोएडा के एक रेस्टोरेंट में मैनेजर था। मेडिकल कॉलेज में अगर वेंटिलेटर की सुविधा रहती तो शायद उनके भाई की जान बच जाती। सीएमएस डॉ राजेश अग्रवाल का कहना है कि अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा तो है, लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं है।