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ये मामला एटा के गांव नगला जसराम का है। यहां के रहने वाले मनीष कुमार यूपी पुलिस में दरोगा हैं। उनकी बहन स्नेहलता संजय नगर एटा में रहती थी। तीन दिन पूर्व ही रक्षाबंधन को लेकर स्नेहलता मायके आ गई थी। बहन के आने की सूचना पर मनीष कुमार भी आज गांव पहुंच गये। बहन ने उनकी कलाई पर राखी बांधी, इसके बाद मनीष कुमार किसी काम से घर से चले गये। घर में मां मुन्नी देवी थी।
ये मामला एटा के गांव नगला जसराम का है। यहां के रहने वाले मनीष कुमार यूपी पुलिस में दरोगा हैं। उनकी बहन स्नेहलता संजय नगर एटा में रहती थी। तीन दिन पूर्व ही रक्षाबंधन को लेकर स्नेहलता मायके आ गई थी। बहन के आने की सूचना पर मनीष कुमार भी आज गांव पहुंच गये। बहन ने उनकी कलाई पर राखी बांधी, इसके बाद मनीष कुमार किसी काम से घर से चले गये। घर में मां मुन्नी देवी थी।
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स्नेहलता अपने कमरे में चली गई। काफी देर तक जब वह कमरे से बाहर नहीं आई, तो मां ने कमरे में देखा, तो स्नेहलता का शव फंदे पर लटका हुआ था। ये देख मां के होश उड़ गए। मां की चीख पुकार सुन आस पड़ोस के लोग भी मौके पर आ गये। सूचना पर भाई भी घर पहुंच गये। बताया गया है कि स्नेहलता विधवा थी और उसके कोई बच्चा भी नहीं था। अकेलेपन के कारण वह परेशान रहती थी।
स्नेहलता अपने कमरे में चली गई। काफी देर तक जब वह कमरे से बाहर नहीं आई, तो मां ने कमरे में देखा, तो स्नेहलता का शव फंदे पर लटका हुआ था। ये देख मां के होश उड़ गए। मां की चीख पुकार सुन आस पड़ोस के लोग भी मौके पर आ गये। सूचना पर भाई भी घर पहुंच गये। बताया गया है कि स्नेहलता विधवा थी और उसके कोई बच्चा भी नहीं था। अकेलेपन के कारण वह परेशान रहती थी।