धरने पर बैठे बीजेपी के ये विधायक
धरने पर बैठने वालों में बीजेपी MLC धर्मवीर प्रजापति शामिल हैं। वह एटा जिला पंचायत चुनाव के प्रभारी भी थे। इसके अलावा मारहरा सीट से बीजेपी विधायक वीरेंद्र लोधी, अलीगंज से विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, जलेसर के विधायक संजीव दिवाकर भी धरने में शामिल हैं। एमएलसी धर्मवीर प्रजापति का आरोप है कि काउंटिंग शुरू होने के कुछ देर बाद से हमारे कार्यकर्ताओं के फोन आने लगे कि एजेंटों को मतगणना स्थल से बाहर कर दिया गया है। एक घंटे बाद पता चला कि जो हमारा उम्मीदवार 900 और 1000 वोटों से आगे चल रहा है, वह दो हजार से पीछे हो गया। जिला प्रशासन से इसकी शिकायत करने के बाद भी किसी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि जिला प्रशासन अपने ही कर्मचारियों को सही साबित करने में जुटी रही। हमारे 10 नंबर वार्ड से जीते कैंडिडेट को सर्टिफिकेट देने के बजाय किसी और को दे दिया गया। वहीं 10 नंबर वार्ड में सात बूथों का तो पता ही नहीं है। कटिंग कर नंबर भी बढ़ाए गए हैं।
दोबारा काउंटिंग होने पर जीत का दावा
बीजेपी विधायकों का कहना है कि हम 27 वार्डों की काउंटिंग फिर से करवाना चाहते हैं। इन पर हमें भरोसा नहीं है। लेकिन सभी मतगणना कर्मचारियों ने हमारी शिकायतों को नजरअंदाज किया है। बीजेपी विधायकों का आरोप है कि जिला प्रशासन का समाजवादी पार्टी से गेम फिक्स था। विधायकों के मुताबिक इस जिले के अलावा किसी और जिले के अधिकारियों से मतगणना कराई जाए। तो हम 25 वार्ड जीतेंगे। इन विधायकों ने मौके पर पहुंची एटा की डीएम डॉ. विभा चहल से साफ कहा कि सभी प्रमाण पत्रों को निरस्त किया जाए और सभी वार्डों की मतगणना दोबारा कराई जाए। साथ ही गड़बड़ करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।