दरअलस, एक्ट्रेस रत्ना पाठक (Ratna Pathak) इन दिनों अपनी गुजराती फिल्म ‘कच्छ एक्सप्रेस’ को लेकर चर्चा में हैं। इस बीच एक्ट्रेस ने ‘पठान’ फिल्म को लेकर बातें करते हुए बॉलीवुड के गोल्डन एरा से लेकर फिल्मों को लेकर चलने वाले विवाद पर भी खुलकर बातचीत की। एक मीडिया हाउस को दिए गए इंटरव्यू में रत्ना पाठक से पठान विवाद पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर ये चीजें आपके दिमाग में सबसे पहले आती हैं तो हम बहुत मूर्खतापूर्ण समय में जी रहे है। ये ऐसी चीज नहीं है, जिस पर मैं ज्यादा बात करना चाहूंगी या महत्व देना चाहूंगी। मुझे उम्मीद है कि भारत में इस वक्त जितने दिख रहे हैं उससे कहीं ज्यादा समझदार लोग हैं। वह जरूर सामने आएंगे, क्योंकि यह जो चल रहा है- भय का माहौल, बहिष्कार किए जाने का डर, हमेशा नहीं रहेगा।’
यह भी पढ़े – पठान विवाद के बीच शाहरुख खान का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर हो रहा जमकर वायरल फिल्म ‘पठान’ विवाद पर रत्ना पाठक (Ratna Pathak on Pathaan) ने आगे कहा, एक्ट्रेस ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इंसान एक हद के बाद नफरत बर्दाश्त नहीं कर सकता है। यह पहले बढ़ता है, लेकिन फिर लोग आपने आप इससे थक जाते हैं। मैं उस दिन का इंतजार कर रही हूं। हमारे देश की तरफ देखिए, महामारी ने छोटे व्यवसायों को खत्म कर दिया है, लोगों के पास ठीक से खाने के लिए खाना तक नहीं हैं और हम इस पर दिमाग खपा रहे हैं कि लोग क्या पहन रहे हैं।’
रत्ना ने कहा, ‘हमारी फिल्म आई थी लिप्स्टिक माय बुर्का, बहुत तमाशा हुआ था, बहुत बवाल हुआ था। विमिन ओरिएंटेड फिल्म है इसलिए इसको बैन कर दिया जाए। इसका कोई मतलब पता है आपको? फिल्म इसलिए बैन हो क्योंकि ये विमिन ओरिएंटेड है। मुझे समझ नहीं आया, खैर ये सारी चीजें होती जाती हैं, समाज को बदलने में बहुत टाइम लगता है और बहुत उथल-पुथल होता है। समुद्र मंथन की कहानी हम सबने सुनी है, उसमें से अमृत निकलता है तो विष भी निकलता है। कोई शिव चाहिए उसे पीने वाला। हमारे पास आज शिव नहीं है, इसलिए हम विष थूक रहे हैं इधर-उधर। पर शिव भी आ जाएगा या हम सब शिव बन जाएंगे। हम इस विष को पचाकर आगे बढ़ेंगे।’