रावी कर रही दही-हांडी की तैयारी प्रफुला के घर में रावी दही-हांडी की जोर शोरों से तैयारी कर रही है। प्रफुला यह देख कर रावी को दही-हांडी में हिस्सा लेने से मना करती है। रावी का कहना है कि उसने जिंदगी भर पांड्या परिवार में जाने का सपना देखा है पर पहली बार वो कुछ अलग कर रही है। प्रफुला जब उसे बताती है कि पंड्या परिवार हर साल जन्माष्टमी पर भंडारा करता है और ऐसे में वो ज़रुर कोई तमाशा कर सकते हैं। रावी प्रफुला से पूंछती है कि वह कब से तमाशे से डरने लगी और वो तो तमाशों की रानी है। इन सब के बीच रावी के दोस्त आ जाते हैं और रावी उनके साथ दही-हांडी की तैयारी के लिए चली जाती है।
ऋषिता नौकरी करना चहती है तब ऋषिता और धरा की बातो के बीच देव आ जाता है तो वह ऋषिता को धरा को हर बात का ज़िम्मेदार बनाने से रोकता है। धरा इस पर ऋषिता को बोलती है कि कुछ भी हो जाए वह नौकरी करने का अपना फैसला ना बदले। वही धरा देव को भी समझाती है कि वह ऋषिता को नौकरी करने से ना रोके। देव इस बात पर बोलता है कि वह बस चाहता है इस वक्त धरा को कोई काम ना करना पड़े और वो बस अराम करे।
धरा रावी को देगी तोहफा धरा ऋषिता को गौतम का लाया हुआ तोहफा देती है। वह रावी को भी तोहफा देने के लिए जा रही है जिस पर ऋषिता बोलती है कि धरा ऐसा ना करे क्योकि रावी ने अभी अभी उसे खूब बुरा भला सुनाया है, पर धरा भी ठान लेती है कि इस बार वो रावी को मना लेगी। वहां रावी दही-हांडी के लिए पिरामिड बना रही होती है और वह गिर जाती है। प्रफुला ये देखकर घबरा जाती है और बोलती है इन सब से उसके हाथ पैर भी टूट सकते है। तभी वहां धरा आ जाती है और वो गौतम के लाए हुए कपड़े रावी को देती है। इस पर रावी घरा को बोलती है कि वह अब उस घर की सदस्य नही है। धरा रावी को उसके मां बनने की बात बताने जा ही रही होती है पर रावी उसकी बात नही सुनती। रावी वहां से चली जाती है और धरा वो कपड़े प्रफुला को दे देती है।
जन्माष्टमी की चल रही है तैयारी शिवा, देव और क्रिश जन्मष्टमी की तैयारियां कर रहे हैं। देव वहां बैठे एक लड़के को दही-हांडी की तैयारी करने को बोलता है तभी वो लड़का बताता है कि इस बार प्रतियोगिता लड़के और लड़कियों के बीच होगी और इस बार रावी प्रतियोगिता मे भाग ले रही है। शिवा यह सुनकर गुस्सा हो जाता है और हर हाल में जीतने की बात करता है।
धरा पांड्या स्टोर जाती है ऋषिता जब पूंछती है कि रावी ने तोहफा नहीं लिया तो धरा बोलती है कि वह वो कपड़े प्रफुला के घर छोड़ आई है। धरा ऋषिता को बोलती है कि रावी को घर लाने कि ज़िम्मेदारी अब ऋषिता की है और अगर वो यह काम नही कर पाई तो धरा उसको परेशान करने लगेगी। प्रफुला रावी के लहंगे को देखकर बोलती है कि वो यह लेहंगा रख ले, जिस पर रावी बोलती है कि इस बार वो सब को बता देगी कि उसका पंड्या परिवार से कुछ लेना देना नही है। अनिता गौतम का लाया हुआ लेहंगा देखती है और उसे पहनने का सोचती है तभी वहां ऋषिता आ जाती है और वो लेहंगा ले लेती है।