इधर बड़ी मम्मी और सम्राट की मां को पत्रलेखा और सम्राट के रिश्ते की चिंता होती है। बड़ी मम्मी कहती है पत्रलेखा बहुत समझदार है वह सोच समझकर सही फैसला लेगी। विराट की मां इस बात पर कहती है। “बप्पा सम्राट को समझ दे और हिम्मत दे कि वह हर फैसले को सही से निभा सके।” बड़ी मम्मी की बातों को सुनकर सई वहां आती है। सई बड़ी मामी से कहती है मुझे लगा था आप मेरी बात सुनती ही नहीं पर आपको वर्ड बाय वर्ड मेरी बात याद है। बड़ी मम्मी सई से कहती है गलत इंसान भी कभी-कभी सही बात कर लेता है।
(Precap— सभी लोग डाइनिंग टेबल पर साथ खाना खा रहे होते हैं । ऐसे में विराट अपने ट्रांसफर की बात रखता है। सब इस बात को सुनकर परेशान हो जाते हैं। तब पत्रलेखा कहती है कि वह अपने और सम्राट के नए रिश्ते की शुरुआत के लिए पूजा रखना चाहती है। और चाहती है कि सभी घरवाले खुशी-खुशी शामिल हो। पत्रलेखा मन ही मन सोचती है कि अब विराट को उसकी फीलिंग का पता चलेगा, जब विराट पत्रलेखा और सम्राट को करीब आते देखेगा।)