2. दूसरा ये की हॉलीवुड की शुरुआत सन 1903 में ओल्ड कैलेफोर्निया में एक साइलेंट फिल्म के साथ हुई थी वही दूसरी ओर बॉलीवुड ने अपनी पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र 1913 में रिलीज की थी। हालाँकि दोनों की शुरुआत में ज्यादा अंतर नहीं है लेकिन फिर भी हॉलीवुड ने अपनी शुरुआती दौर से ही तरक्की करना शुरू कर दिया था जबकि बॉलीवुड को लोगों के बीच अपनी जगह बनाने में करीबन 20 से 30 साल लगे।
3. हॉलीवुड का नाम लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास एक जिले के नाम पर रखा गया है। जबकि बॉलीवुड का नाम बॉम्बे (वर्तमान में मुंबई के नाम से जाना जाता है) और हॉलीवुड के नाम पर रखा गया है।
4. अमेरिका में स्थित फिल्म इंडस्ट्री को हॉलीवुड के नाम से जाना जातै है जो विश्व भर में लोकप्रिय है जबकि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बॉलीवुड के नाम से जाना जाता है। बॉलीवुड फिल्मों को भारत के अलावा कुछ गिने चुने देशों में देखा जाता है ऐसे में इसकी लोकप्रियता अमेरिकन फिल्मों के मुकाबले बहुत कम है क्योंकि हॉलीवुड फिल्मों को अमेरिका के अलावा दुनिया के ज्यादातर देशों में देखा जाता है। इससे इनकी लागत और कमाई में भी काफी अंतर होता है।
5. हॉलीवुड में शुरुआत से ही लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता रहा है, और आज भी दुनिया भर में सबसे बेहतर टेकनोलॉजी हॉलीवुड के पास ही है। जहां एक तरफ बॉलीवुड आज तक प्यार, रोमांस और कॉमेडी वाली फिल्मे बना रहा है वही हॉलीवुड की इस विषय में कोई सीमा नहीं है।
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6. हॉलीवुड फिल्म 90% ओरिजनल और सबसे अलग होती है, जबकि बॉलीवुड फिल्मों में अक्सर कॉपी या रीमेक देखने को मिल जाता है। जैसे कई बॉलीवुड फिल्म साउथ इडनियन फिल्मों और हॉलीवुड की फिल्मों की कॉपी करके बनाई गई हैं।7. हॉलीवुड और बॉलीवुड इंडस्ट्री दोनों में ही अपने अपने कल्चर के बारे में बताया जाता है। जैसे हॉलीवुड फिल्मों में प्रेमी-प्रेमिका पति पत्नी रानी से रिश्ता तोड़ देते हैं। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन बॉलीवुड में ऐसा नहीं है क्योंकि भारत में पति-पत्नी के रिश्ते को काफी अहमियत दी जाती है।
8. हॉलीवुड की सारी फिल्मों में केवल बैकग्राउंड म्यूजिक देखने को मिलता है, लेकिन इन मूवीज में कोई गाने नही होते है। जबकि बॉलीवुड फिल्मों में 95% गाने होते ही है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यदि फिल्म में गाने नही तो फिल्म हिट नहीं होती।
9. बॉलीवुड फिल्में सभी एक पैक में आती हैं, यानी आप एक ही फिल्म में रोमांस, कॉमेडी, हॉरर, ड्रामा, पारिवारिक सामान आदि देख सकते हैं। इसके विपरीत हॉलीवुड में हॉरर, साइंस, फिक्शन, रोमांस, कॉमेडी, सस्पेंस, ड्रामा आदि विषयों पर फिल्में बनती हैं।
10. अगर देखा जाए तो हॉलीवुड की फिल्में हमारे दिमाग से बात करती है, जबकि बॉलीवुड फिल्में सीधे दिल को छू जाती हैं। हर इंडस्ट्री और फिल्म का अपना एक दर्शक वर्ग होता है। भारत को फिल्म इंडस्ट्री में काफी धनी कहा जा सकता है, क्योंकि यहां पर हर तरह के सिनेमा और संस्कृति को पसंद करने वाले लोग रहते हैं।
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मगर किसी बॉलीवुड एक्टर से अगर कोई पूछता है कि उनका फेवरेट कलाकार कौन है, तो हमारें यहां के अधिकांश स्टार हॉलीवुड का मुंह ताकते हैं। एक वक्त था जब हर कोई एलिजाबेथ टेलर, अल पचीनो, माइकल जैक्सन, राबर्ट डि नेरो जैसे नाम गिनाता था। आज भी हाल कुछ वैसा ही है। हमारे सितारे जब हॉलीवुड के सितारों से मिलते हैं, तो बिलकुल स्कूल के छात्रों जैसा बिहेव करने लगते हैं।आपको बता दें, हिंदुस्तानी कलाकारों में बाहर राज कपूर, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और रजनीकांत की ही पहचान है। इसके अलावा वेस्टर्न देशों में बॉलीवुड को कोई खास तवज्जो नहीं दी जाती। मगर अब जा कर प्रियंका चोपड़ा ने थोड़ी-बहुत पहचान बनाई है।
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फिल्म क्रिटिक अतुल पुजारी कहते हैं, ‘हिंदी फिल्मों के अधिकांश स्टार विदेश में दो वजह से अपनी पहचान नहीं बना पाते। एक तो, वे हॉलीवुड से इस कदर अभिभूत रहते हैं कि खुद ही अपनी हैसियत नहीं बना पाते। दूसरे हिंदी फिल्मों का बाजार अब जा कर थोड़ा बहुत चीन में बन पाया है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड में अभी भी ये न के बराबर है। वहां हिंदी फिल्में सिर्फ एनआरआई समूह ही देखता है।’भले ही हमारे यहां सितारे खूब कमाते हैं, पैपराजी हर समय उनके पीछे पड़ी रहती है, अधिकांश हॉलीवुड जाने का सपना ही देखते हैं। चाहे वहां उन्हें दो सेकंड का रोल ही क्यों न करना पड़े। वैसे आपको बता दें, भारत में सिर्फ बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं है बल्कि साउथ इंडियन फिल्में भी बनाई जाती हैं जिसे टॉलीवुड का नाम दिया गया है। इसके अलावा मराठी, पंजाबी, भोजपुरी जैसी अनेक फिल्म इंडस्ट्रीज भारत में मौजूद हैं। बॉलीवुड की तरह टॉलीवुड ने भी अंतराष्ट्रीय दर्शकों का अपनी ओर ध्यान खींचा है, यहां की कई फिल्मों ने अंतराष्ट्रीय मनोरंजन जगत में सफलता हासिल की है।