उन्होंने कहा, ”मेरे पास कहने के लिए कुछ है नहीं, बस आप सभी का शुक्रिया करना चाहूंगा कि आपके प्यार और शुभकामनाओं के चलते मैं आज आपके सामने बैठा हूं। इतने साल मेरा साथ निभाने के लिए शुक्रिया।”
‘जब तक सांसे चलें, तब तक काम करने की इच्छा’ अमिताभ ने कहा कि वह हर दिन कुछ नया सीखते हैं। चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढऩे में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा, ”अक्सर जीवन में कुछ न कुछ बदल जाता है, हर दिन सांस ले रहे हैं यही नया है। जब तक सांसे चलती रहें तब तक काम करना चाहते हैं। आशा है कि इसी तरह हमें चुनौतियां मिलती रहें ताकि इन चुनौतियों के साथ जूझते रहें।”
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‘राजनीति में लौटने का कोई इरादा नहीं’ अमिताभ ने वर्ष 1984 मे अपने मित्र राजीव गांधी के आग्रह पर राजनीति में प्रवेश किया और इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा तथा सांसद के रूप मे चुन लिए गए। लेकिन अमिताभ को अधिक दिनों तक राजनीति रास नहीं आई और सांसद के रूप मे 3 वर्ष तक काम करने के बाद उन्होंने सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया। इसकी मुख्य वजह यह थी कि उनका नाम उस समय बोफोर्स घोटाले मे खींचा जा रहा था। अमिताभ अब राजनीति के क्षेत्र में फिर से वापस नहीं आना चाहते हैं। राष्ट्रपति बनने संबंधी सवाल के जवाब में अमिताभ ने कहा कि वह राजनीति के क्षेत्र में फिर से नहीं आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शत्रुध्न सिन्हा ने यह बात मजाक में कही है।
‘सेना के जवानों के साथ खड़े होने का वक्त’ पाक कलाकारों को बॉलीवुड में प्रतिबंध करने के संबंध में उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि यह इस बारे में बात करने का सही समय है। सीमा पर हो रही घटनाओं से देशवासी नाराज़ हैं और इस समय हमें उन जवानों के साथ खड़े होने की जरूरत है जो हमारी सुरक्षा की खातिर अपनी जान गंवा रहे हैं।’
‘फिल्म समाज पर डालती है असर तो मिलती है ख़ुशी’ अमिताभ की फिल्म ‘पिंक’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई है। फिल्म ने समाज पर प्रभाव छोड़ा है। पिंक जैसी फिल्म में काम करने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ” मैं कोई फिल्म इस इरादे से नहीं करता कि फिल्म समाज पर असर डालेगी। यदि कोई निर्माता- निर्देशक मेरे पास कोई कहानी लेकर आता है और मुझे पसंद आती है तो मैं फिल्म में काम करता हूँ। यदि मेरी फिल्म समाज पर असर डालती है तो मुझे खुशी होती है।”
ज़्यादातर फिल्मों में किरदार का नाम ‘विजय’ 11 अक्टूबर 1942 को जन्में अमिताभ आज 74 साल के हो गये हैं। अमिताभ की कई फिल्मों में उनके किरदार का नाम विजय रहा है। विजयादशमी के दिन जन्मदिन के बारे में पूछे जाने पर अमिताभ ने इसे संयोग बताया है।
अमिताभ के सिने कैरियर पर नजर डालने पर पता चलता है कि उनके निभाये गए किरदारों को बार-बार’ विजय नाम दिया गया। सबसे पहले वह अपनी पहली सुपरहिट फिल्म ‘जंजीर’ में विजय नाम से परदे पर आए थे। ‘दीवार’ से वह सुपर स्टार बने और उस फिल्म में भी उनका नाम ‘विजय’ ही था। इसके अलावा उन्होंने त्रिशूल, डान, शक्ति, काला पत्थर, द ग्रेट गेम्बलर, शहंशाह, अकेला, अग्निपथ, रोटी कपडा और मकान, शान, हेराफेरी, आंखें, एक रिश्ता द बांड आफ लव, आखिरी रास्ता, हेराफेरी और रण समेत कई फिल्मों में विजय नाम से काम किया।
‘विजयदशमी पर जन्मदिन महज़ संयोग’ अमिताभ ने कहा, ”विजयादशमी के दिन मेरा जन्मदिन महज एक संयोग है। सलीम-जावेद साहब ने सबसे पहले फिल्म जंजीर में मुझे विजय नाम दिया था। अमिताभ ने जन्मदिन पर अपने प्रशंसकों को ढ़ेर सारा प्यार देने के लिये आभार जताया है।