सिंगिंग की शुरूआत की बात की जाए तो अनुराधा पौडवाल को लगभग बीस साल की उम्र में गाने का पहला अवसर मिला। उन्होनें 1973 में अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की मशहूर फिल्म अभिमान में जया भादुड़ी के लिए एक श्लोक में आवाज दी। इसके बाद 1976 में उन्होनें पहले कालीचरण और फिर फिल्म आप बीती के लिए गानों को आवाज दी। इसके बाद अनुराधा पौडवाल का ग्राफ लगातार ऊपर की ओर बढ़ता चला गया।
उन्होनें टी सीरीज के साथ काम करना शुरू कर दिया। जिसमें उन्होनें फिल्म लाल दुपट्टा मलमल का, आशिकी, तेजाब, और दिल है कि मानता नहीं जैसी कई ब्लॉकबस्टर कही जाने वाली फिल्मों के गानों को अपनी आवाज दी। जब अनुराधा पौडवाल अपने लिए जगह बना रही थी। तब बॉलीवुड में लता मंगेशकर को स्वर कोकिला के रूप में जाना जाता था। उनसे बढ़कर बॉलीवुड में कोई और गायिका नहीं थी। मशहूर संगीतकार ओपी नैयर ने अनुराधा पौडवाल की आवाज और हुनर को देखते हुए कहा था कि लता मंगेशकर का दौर अब खत्म हो चुका है। अनुराधा उनकी जगह ले सकती है।
जब अनुराधा अपने करियर में ऊपर की देख रही थी तभी उन्होनें ऐलान कर दिया कि वह अब केवल टी सीरीज के लिए ही गाएंगी। इसके बाद उन्होनें एक बाद एक टी सीरीज के साथ कई एलबम निकालें। लेकिन जब अल्का याग्निक और कविता कृष्णमूर्ति जैसी गायिकाओं ने अपनी आवाज का जलवा बिखेरा तो अनुराधा पौडवाल ने भजन संगीत में हाथ आजमाया। जिसमें उन्हें भरपूर सफलता मिलीं।
जब अनुराधा टी सीरीज के लिए काम कर रहीं थी। तब उनके और गुलशन कुमार के बीच अफेयर को लेकर चर्चा के बाजार गर्म हुआ करते थे। लेकिन दोनों कभी भी खुले तौर अपने संबंधों के बारे में कुछ भी नहीं कहा। गुलशन कुमार की मौत के बाद अनुराधा पौडवाल ने गानों से दूरी बना ली।