बा कहती है की वनराज और काव्या की दोस्ती पर भी लोगो ने बाते की थी लेकिन वो सब सच थी। अनुपमा बोलती है कि कान्हा जी और द्रौपदी भी दोस्त थे और लड़का लड़की दोस्त हो सकते है। अनुपमा घर वालो को विश्वास दिलाती है कि वो इस घर की इज़्ज़त का ख्याल रखेगी।
समर नंदिनी से मिलता है और कहता है कि वो बहुत खुश है कि मम्मी बिजनेस ट्रिप पर जा रही हैं, लेकिन साथ ही तनाव भी है क्योंकि मम्मी बिना परिवार के बाहर नहीं जाती थीं। नंदिनी कहती है कि उसे चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अनुज मम्मी की देखभाल करेगा।
अनु बापूजी को दूध देती है। बापूजी उसे मुस्कुराने के लिए कहते हैं और बोलते हैं कि जब वो गलत नहीं है, तो वह उदास क्यों है। उसने बा और वनराज के विरोध का करारा जवाब दिया। बापूजी बोलते है कि जब भी औरत बाहर निकलती है तो उसका विराध होता ही है पर उसे परेशान नहीं होना चाहिए और खुशी से जाना चाहिए। बाद में वहां समर किंजल और पाखी के साथ उनके साथ जुड़ जाते है और सब खुश हैं।
वहीं काव्या को अनुपमा के मुंबई जाने से जलन हो रही है। वो वनराज से बोलती है कि वो तो बिजनेस क्लास में ही जाएगी तो वनराज कहता है कि वो अनुपमा के बारे में बात ना करें। काव्या हैरान है कि अनुपमा की इतनी अच्छी किस्मत कैसे है। अनु अपनी एक्साइटमेंट सब के साथ शेयर करती रहती वही वनराज जब एके का नाम सुनता है तो वो सोचता है कि उसे जलन क्यो हो रही है, वह केवल काव्या से प्यार करता था और अनु से कभी प्यार नहीं करता था, फिर जब अनु एके के साथ बाहर जा रहा है तो वो परेशान क्यों होता है।
अगली सुबह, अनु फोन कॉल सुनकर उठती है। अनुज पूछता है कि वह कहाँ है, पहले से ही 8 बजे हैं, वे पहली फ्लाइट से चूक गए और दूसरी फ्लाइट छूट सकती है। मगर उसे पता चलता है कि अभी तो 4 ही बाजे है और वो सपना देख रही है।