फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड है ऑस्कर
ऑस्कर अकादमी पुरस्कार जिसे ऑस्कर अवॉर्ड्स के नाम से भी जाना जाता है, ये फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। इसे अमेरिका की एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस फिल्म निर्देशकों, एक्टर, राइटर जैसे फिल्म जगत से जुड़े प्रोफेशनल्स को उनके बेहतरीन काम को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
इन लोगों ने मिलकर बनाई थी ऑस्कर अवॉर्ड की योजना
अवार्ड्स एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस (एम्पास) की स्थापना 1927 में उस समय के मोशन पिक्चर इंडस्ट्री के 36 सबसे प्रतिष्ठित लोगों ने मिलकर की थी। 1927 की शुरुआत में एम जी एम स्टूडियो के प्रमुख लुइस बी मेयर, मेयर और उनके तीन मेहमानों अभिनेता कॉनरेड नागेल, निर्देशक फ्रेड निबलो और निर्माता फीड बीटसोन ने एक ऐसा संगठन बनाने की योजना बनाई जिससे पूरी फिल्म इंडस्ट्री को फायदा हो।
ऑस्कर अवॉर्ड के लिए रखा गया था प्रस्ताव
इन लोगों ने फिल्म क्रिएटिव कामों से जुड़े लोगों के सामने ये प्रस्ताव रखने का प्लान किया। इसके बाद 11 जनवरी 1927 को लॉस एंजिल्स के एंबेसेडर होटल में एक डिनर पार्टी की गई। वहीं, 11 मई 1927 को बिल्ट मोर होटल में एकेडमी को राज्य द्वारा एक NGO के रूप में चार्टर की अनुमति मिलने के बाद औपचारिक दावत हुई। तब 300 मेहमानों में से 230 ने 100 डॉलर की फीस देकर एकेडमी की मेंबरशिप ली थी।
इस साल किया गया था पहले ऑस्कर अवॉर्ज का आयोजन
सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स समारोह हॉलीवुड रूजवेल्टू होटल में हुआ था। 16 मई 1929 को होटल के ब्लॉसम रूम हुए डिनर में 270 लोग शामिल हुए थे। ये एक पेड इवेंट था जिसका टिकट 5 डॉलर का था। 1929 में दिये गए ये अवॉर्ड 1927-1928 तक बनी फिल्मों से जुड़े 15 लोगों को दिए गए थे।
किए गए कई बदलाव
1929 में जब सबसे पहले ऑस्कर अवॉर्ड का आयोजन किया गया था, तब समारोह से तीन महीने पहले ही विजेताओं के नाम घोषित कर दिए गए थे। दूसरे ऑस्कर अवॉर्ड समारोह के दौरान आयोजकों ने प्रक्रिया में बदलाव किया और अवॉर्ड सेरेमनी की पिछली रात 11 बजे मीडिया को विजेताओं की सूची दी जाने लगी। 1941 तक यह परंपरा चलती रही। 1941 के बाद से विजेताओं के नामों की घोषणा समारोह के दौरान ही होने लगी।
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शुरुआत में प्लास्टर की बनाई गई थी ट्रॉफी
1927 में एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज ने ऑस्कर अवॉर्ड ट्रॉफी के लिए लॉस एंजेलिस के कई कलाकारों से उनके डिजाइन्स पेश करने को कहा था। अलग-अलग डिजाइन्स में से मूर्तिकार जॉर्ज स्टैनली की बनाई हुई डिजाइन को पसंद किया गया। हालांकि, उस दौरान द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था और उसकी वजह से मेटल की भारी कमी थी इसलिए तीन वर्ष तक इस ट्रॉफी को प्लास्टर की मदद से तैयार किया गया था।
दुनियाभर की फिल्मों को किया गया आमंत्रित
ऑस्कर अवॉर्ड में मुख्य रूप से हॉलीवुड फिल्मों को चुना जाता हैं। लेकिन इस पुरस्कार समारोह में एक कैटेगरी होती हैं ‘विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ की। इसी कैटेगरी के लिए ऑस्कर अकादमी दुनियाभर से फिल्में को आमंत्रित करती है। इंडिया की तरफ से हर साल ऑस्कर अवॉर्ड के लिए फिल्मों का चयन तो कर दिया जाता है। लेकिन ज्यादातर फिल्में आखिरी पांच में जगह बना पाने में नाकामयाब साबित होती रही।
इस साल का ऑस्कर अवॉर्ड है भारत के लिए खास
मगर इस बार एस एस राजामौली की फिल्म ‘आर आर आर’ का ‘नाटू नाटू’ गाना बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटेगरी में नॉमिनेट हुआ है। नॉमिनेशन में नाम आने के बाद से फिल्म के कलाकार और भारतवासी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि यह फिल्म ऑस्कर जीत कर लाएगी। खैर, इस बात का पता तो ऑस्कर अवॉर्ड के अनाउंसमेंट के बाद ही पता चल पाएगा। 95वें अकादमी अवॉर्ड की लाइव स्ट्रीमिंग रविवार यानी 12 मार्च 2023 को रात 8 बजे एबीसी पीटी पर की जाएगी। हालांकि भारत में इसका प्रसारण 13 मार्च को सुबह 5.30 बजे होगा।
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