हैरानी की बात है कि हाल ही में राजस्थान के जोधपुर में एक Tata Safari Electric को ग्रीन नंबर प्लेट के साथ स्पॉट किया गया है। सफारी एसयूवी वर्तमान में ब्रांड की प्रमुख पैसेंजर कारों में से एक है और इसको लेकर युवाओं के बीच जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है। ऐसे में यदि इसका इलेक्ट्रिक वर्जन पेश किया जाता है तो एक बड़ी बात होगी। लेकिन इससे पहले कि आप उत्साहित हों आपको बता दें कि, ये कंपनी द्वारा कोई टेस्टिंग मॉडल नहीं लगता है। इसके पीछे कई कारण हैं, तो आइये जानते हैं उनके बारे में –
जैसा कि तस्वीर से ये साफ है कि ये टाटा सफारी का XZA+ वेरिएंट है, जिसमें कंपनी ने 2.0 लीटर की क्षमता का Kryotec डीजल इंजन इस्तेमाल किया है, जो कि 168 bhp की पावर और 350 Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। लेकिन इंटरनेट पर वायरल इस तस्वीर के पीछे की कहानी समझने के लिए आपको नंबर प्लेट्स की गणित समझना बहुत जरूरी है। जो कि भारत में अलग-अलग तरह के वाहनों के लिए भिन्न है।
अलग-अलग वाहनों के लिए भिन्न नंबर प्लेट:
नियमों के अनुसार केवल फाइनल प्रोडक्ट या कार मॉडल को ही RTO द्वारा सामान्य नंबर प्लेट जारी किया जाता है। मसलन, व्हाइट बोर्ड पर ब्लैक फॉन्ट यानी कि प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल (PV) को दर्शाता है, पीला बोर्ड ब्लैक फॉन्ट के साथ लाइट कमर्शियल व्हीकल (LCV) और हैवी कमर्शियल व्हीकल (HCV) को दर्शाता है। जबकि पीले रंग के फॉन्ट वाला एक ब्लैक बोर्ड सेल्फ-ड्राइविंग रेंटल वाहनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों को दो अलग-अलग प्रकार की नंबर प्लेट मिलती हैं जहां बोर्ड दोनों के लिए हरा (Green) ही होता है और यदि वाहन में सफेद फ़ॉन्ट है, तो यह एक इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल (PV) है और यदि फ़ॉन्ट पीला है, तो यह एक इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल (CV) होता है, जिसका इस्तेमाल व्यवसायिक प्रयोग के लिए किया जाता है। अब यदि आप टाटा सफारी के इस तस्वीर पर गौर करें तो काफी हद तक मामला साफ होता नजर आएगा।
Tata Safari के इस तस्वीर को गौर से देखने पर लगता है कि इसमें ग्रीन बोर्ड पर व्हाइट फॉन्ट में नंबर्स लिखे हुए हैं, जो कि इसे एक प्राइवेट इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल के तौर पर दर्शाता है। यदि आपको संदेह है कि यह किसी प्रकार की शरारत है या मालिक धोखाधड़ी कर रहा है, तो ऐसा नहीं लगता है क्योंकि नंबर प्लेट एक ठीक से उभरा (Embossed) हुआ नंबर प्लेट है जिसमें RTO के होलोग्राम के साथ नॉन-रिमूवेबल बोल्ट लगे हैं। यह नकली नंबर प्लेट की तरह बिल्कुल भी नहीं दिखता है।
आखिर क्या है माजरा:
अब आप काफी हद तक तह तक पहुंच चुके हैं, हालांकि इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रमाण नहीं मिला है। लेकिल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ये संभवत: Tata Safari का रेगुलर मॉडल है जिसमें ऑफ्टर मार्केट इलेक्ट्रिक कन्वर्जन किट (Electric Conversion Kit) का इस्तेमाल किया गया होगा। इस किट के आधार पर ही इसे स्थानीय आरटीओ से ग्रीन नंबर प्लेट भी मिला होगा। हालांकि अभी इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी हाथ नहीं लग सकी है कि आखिर टाटा सफारी के लिए इस तरह इलेक्ट्रिक किट कौन सी कंपनी बेच रही है और कहां पर उपलब्ध है।
इस एसयूवी को कंपनी द्वारा टेस्टिंग मॉडल भी नहीं माना जा सकता है, क्योंकि नियमों के अनुसार टेस्टिंग व्हीकल पर रेड कलर की नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी ओर यदि ये कंपनी की तरफ से टेस्टिंग मॉडल होता तो संभव है कि इसमें कुछ और पार्ट्स और कंपोनेंट्स भी दिखाई देतें। लेकिन इस तस्वीर में ऐसा कुछ भी नज़र नहीं आता है, इसलिए बहुत मुमकिन है कि ये एसयूवी ऑफ़्टर मार्केट इलेक्ट्रिक किट से चल रही होगी।
फोटो साभार: गाड़ीवाड़ी