बता दें, Ujkashevic 31 साल पहले फोर्ड में शामिल हुए थे, और उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों को विकसित करने सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया था। इन्होंने फोर्ड और लिंकन एसयूवी के साथ-साथ फोर्ड की फिएस्टा और फोकस कॉम्पैक्ट कारों की एक रेंज पर भी काम किया है। टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, Ujkashevic ऐप्पल को सार्वजनिक सड़कों पर सेल्फ-ड्राइविंग प्रोटोटाइप की टेस्टिंग के दौरान आने वाली नियामक बाधाओं को नेविगेट करने में मदद कर सकते है। रिपोर्ट पर विश्वास करें तो “इंजीनियरिंग और सुरक्षा प्रोटोकॉल में उनकी विशेषज्ञता भी ऐप्पल को अपनी परियोजना में मार्गदर्शन करने में मदद कर सकती है।”
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आईफोन निर्माता ने अपनी कार के लिए ऑटोपायलट चिप विकसित करने के लिए एक दक्षिण कोरियाई कंपनी के साथ भागीदारी की है। Apple ईवी क्षेत्र में Tesla का मार्ग अपना रहा है। एलन मस्क के स्वामित्व वाली ईवी फर्म टेस्ल ने अपनी ऑटोपायलट चिप विकसित करते समय सैमसंग मेमोरी का इस्तेमाल किया और जेसेट स्टैट्स चिप पीएसी कोरिया कंपनी को असेंबली का काम दिया। इसी तर्ज पर ऐप्पल से भी उम्मीद की जा रही है। ऐप्पल की कारों को लेकर माना जा रहा है, कि वह अन्य ड्राइवरों को सूचित करने के लिए पूरे वाहन में एलईडी स्क्रीन का उपयोग करेगी। यह जानने के लिए कि सेल्फ-ड्राइविंग सिस्टम क्या कर रहा है।
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‘Project Titan’
इस स्क्रीन के माध्यम से डिस्प्ले ब्रेकिंग की जानकारी, कार की गति और अन्य संदेशों को ग्राफिक्स के साथ-साथ वीडियो के रूप में दिखाया जाएगा। आने वाली ऐप्पल कार में A12 बायोनिक प्रोसेसर पर आधारित ‘C1’ चिप का उपयोग करने की भी उम्मीद है, जिसमें इन-केबिन एआई क्षमताएं जैसे आई-ट्रैकिंग शामिल हैं। फिलहाल देखना होगा कंपनी का प्रोटोटाइप कब तक सड़कों पर टेस्टिंग के लिए नजर आता है। ऐप्पल की कार को ‘प्रोजेक्ट टाइटन’ के रूप में भी जाना जाता है, यह प्रोजेक्ट Apple का पहला सेल्फ-ड्राइविंग इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए काम कर रहा है। इसका लक्ष्य 2025 की शुरुआत में पहली कार को लॉन्च करना है।