लेकिन अब जब प्रशांत किशोर (पीके) का दावा सच साबित हो गया है और भाजपा 100 सीट पार करती हुई नहीं दिखाई दे रही है, इसके बावजूद उन्होंने एक बड़ा ऐलान कर दिया है। पीके ने ऐलान किया है कि वे अब चुनावी रणनीतिकार यानी चुनाव प्रबंधन का काम नहीं करेंगे। प्रशांत किशोर ने एक टीवी चैनल पर लाइव शो के दौरान इसकी घोषणा की।
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पीके ने अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि अब तक लोग उन्हें रोल में देखते रहे हैं, पर अब मैं उसे निभाउंगा। प्रशांत के इस कथन से ये माना जा रहा है कि वे अब चुनाव प्रबंधन का काम अपने लिए करेंगे और सीधे-सीधे राजनीति में कदम रखेंगे।
प्रशांत ने क्यों लिया संन्यास?
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह कभी भी इस काम को नहीं करना चाहते थे, लेकिन वे इस क्षेत्र में आ गए और अब अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि I-PAC में उससे कई गुना अधिक काबिल लोग हैं, जो अच्छा काम करेंगे। इसलिए वे अब ब्रेक लेना चाहते हैं।
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ऐसे में अब सवाल ये है कि पीके क्या करेंगे? जानकारों का मानना है कि चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ने के बाद पीएके राजनीति में सीधे-सीधे कदम रख सकते हैं। हालांकि पीके ने कहा है कि उन्हें कुछ वक्त दिया जाए इस बारे में सोचने के लिए कि अब वे क्या करेंगे? हालांकि उन्होंने कहा कि वे जरूर कुछ करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वे क्विट यानी इस काम को छोड़ने की बात लंबे समय से सोच रहे थे, लेकिन सही वक्त नहीं मिल रहा था। अब उन्हें बंगाल का वक्त बिल्कुल राइट टाइम लगा।
प्रशांत ने कहा कि वे राजनीति में भी गए, लेकिन पॉलिटिक्स में फेल हो गए। लेकिन अब यदि फिर से राजनीति में जाता हूं तो इस बार ये जरूर विचार करूंगा कि क्या कमी रह गई फिर फैसला लूंगा।