दरअसल, शामली के गांव चौसाना के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे मास्टर विजय सिंह ने 26 साल पहले गांव के ही दबंग विधायक के खिलाफ लगभग 4 हजार बीघा सार्वजनिक भूमि को कब्जाने की शिकायत की थी, लेकिन तत्कालीन सरकार में बैठे अधिकारियों ने मास्टर जी की शिकायत को अनसुना कर दिया। कार्यवाही न होती देख मास्टर विजय सिंह ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया और 26 फरवरी 1996 को चौसाना क्षेत्र की 4000 बीघा सरकारी व सार्वजनिक जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट मुजफ्फरनगर में धरना शुरू कर दिया। इस दौरान मास्टर विजय सिंह को कड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि जिस व्यक्ति पर भूमि कब जाने का आरोप था, वह विधायक बन चुका था। आरोप यह भी है कि उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार बनती, आरोपी उसी सरकार में शामिल हो जाता था। मास्टर विजय सिंह का आरोप है कि इसी वजह से आज तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। बसपा सरकार के दौरान कुछ जमीन कब्जा मुक्त हुई थी, मगर उसके बाद फिर भू माफियाओं और प्रशासन के बीच मिलीभगत के चलते कार्यवाही बीच में ही रुक गई।
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मास्टर विजय सिंह ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार में रहते हुए मामले की जांच कराई, जांच में पूरा मामला खुलकर सामने आया। लेकिन, उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिस वजह से मास्टर विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी नाराज हैं और इसी वजह से उन्होंने अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र करहल में उनके खिलाफ भी प्रचार करने का मन बनाया है। वहीं, योगी सरकार में भी कार्यवाही ना होने से नाराज होकर अब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
दुनिया के सबसे लंबे धरने का रिकॉर्ड मास्टर विजय सिंह 26 साल से लगातार धरना दे रहे हैं। जिसके चलते उनका धरना लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया और मीरा सेल्स ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। मास्टर विजय सिंह ने बताया कि उनका मकसद विधायक या मंत्री बनना नहीं है। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस बात का अहसास कराना चाहते हैं कि चुनाव के दौरान अपनी सरकार आने पर भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा करते हो, मगर सभी सरकारें अब तक भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी हो जाती है। योगी आदित्यनाथ की सरकार में भी यही हुआ है।
यह भी पढ़ें- आखिरकार लंबे इंतजार के बाद मिथक तोड़ने नोएडा पहुंचे अखिलेश यादव, लेकिन नहीं रखा जमीन पर पैर अंडर गारमेंट सुखाने पर दर्ज हुआ था मुकदमा मास्टर विजय सिंह ने बताया कि उनके धरने के दौरान उन पर अंडर गारमेंट सुखाने का मुकदमा दर्ज किया गया था। 19 सितंबर 2019 को तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने मास्टर विजय सिंह से अभद्रता करते हुए 5 मिनट में कचहरी से धरना हटवा दिया था और अंडरवियर सुखाने को लेकर महिला लज्जा भंग करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया था। हालांकि विरोध के चलते पुलिस ने बाद में मुकदमे को खारिज कर दिया था।