चुनाव आयोग के मुताबिक बीजेपी 44 सीटों पर आगे चल रही है जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। बहुजन समाज पार्टी दो सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। रुझानों से साफ है कि बीजेपी एक आसान जीत की ओर बढ़ रही है।
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BJP अगर उत्तराखंड में जीत दर्ज करने में कामयाब रहती है तो पार्टी के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि यहां पर हर बार सत्ता परिर्वतन का इतिहास रहा है। ऐसे में बीजेपी की वापसी इतिहास भी रच रही है।
उत्तराखंड का यह पांचवा विधानसभा चुनाव है। वर्तमान में यहां बीजेपी की सत्ता है. पिछले दो दशक में उत्तराखंड में अब तक हुए चुनाव में हर बार सरकार बदलती रही है। ऐसे में इस बार भी सत्ता परिवर्तन के कयास लगाए जा रहे थे, हालंकि अभी तक के रूझानों में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
बीजेपी की जीत के 4 बड़े कारण
1. ब्रांड मोदी
उत्तराखंड में बीजेपी की वापसी का सबसे बड़ा कारण एक बार फिर ब्रांड मोदी रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता ने जनता में जो भरोसा कायम किया है ये उसी का नतीजा कि एक बार फिर ये भरोसा वोट में तब्दील होता नजर आया है। ब्रांड मोदी के कारण ही बीजेपी सूबे में लगातार दूसरी जीत का इतिहास बनाने जा रही है।
पीएम मोदी खुद हर बार कहते रहे हैं कि देवभूमि से उनका रिश्ता बेहद अलग है। चुनावी रैलियां हो या फिर बाबा केदरानाथ का आशीर्वाद अपने हर मूव से उन्होंने प्रदेश की जनता को खास संदेश दिया है। उत्तराखंड से उनके इसी प्रेम का उन्हें रिटर्न भी मिला है।
2. सही समय पर सीएम का बदलाव
राजनीति में माहिर बीजेपी ने उत्तराखंड में एक साल के अंदर दो मुख्यमंत्रियों को बदल दिया। वो चुनाव से ही ठीक पहले। ऐसे में बीजेपी पर कई सवाल भी उठे, लेकिन चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि बीजेपी के इस कदम को जनता का समर्थन मिला। दरअसल जनता पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से उखड़ी नजर आ रही थी।
पार्टी ने यह बात वक्त रहते समझ ली और मुख्यमंत्री बदल दिया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ही मुख्यमंत्री होते तो शायद यह नतीजे पार्टी की झोली में नहीं आते।
3. डबल इंजन की सरकार का फॉर्मूला
अपने रैली और भाषणों में पीएम मोदी ने लगातार प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के फायदे गिनाए। इन फायदों का जनता पर असर भी दिखा। डबल इंजन सरकार में उत्तराखंड में कई बदलाव हुए। सड़कों के साथ बड़ी संख्या में पुलों का निर्माण हुआ। डबल इंजन के इस काम से जनता कहीं ना कहीं खुश नजर आई। जिसका असर चुनाव परिणामों में दिख रहा है।
4. कमजोर विपक्ष
बीजेपी की जीत का एक बड़ा कारण यह भी है कि उनके सामने मजबूत विपक्ष नहीं है। कांग्रेस ने 2017 के चुनावों में मिली बुरी हार से पांच साल में कोई सबक नहीं लिया। मुद्दों से लेकर एकजुटता तक कांग्रेस हर वक्त बिखरी नजर आई। हरीश रावत ने कांग्रेस को उठाने की कोशिश की लेकिन जनता ने उन्हें ही मुंह के बल गिरा दिया।
कांग्रेस जनता के सामने कोई ऐसा चेहरा पेश नहीं कर पाई जिस पर जनता भरोसा कर पाए। लिहाजा फ्लावर (कमल) का जबरदस्त फायर देखने को मिला।
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