पांच साल में काम किए होते तब तो कुछ बताते कांग्रेस नेता और वाराणसी के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्र ने कहा कि जिन्होंने पिछले सालों में कोई काम नहीं किया उनके पास कहने को और कुछ है ही नहीं। वो पहले भी इस तरह की बयानबाजी करते रहे हैं अब भी उनमें कोई सुधार नहीं आया है। अगर पांच साल कुछ काम किए होते तो उसे गिनाते, अपने काम को लेकर जनता के बीच आते। लेकिन ऐसा कुछ है नहीं तो वो लाल टोपी, रेड एलर्ट जैसे बयान दे कर जनता को गुमराह करने और पब्लिक के बीच तनाव व भय पैदा करने की कोशिश में जुट गए हैं लेकिन इसका कोई असर पड़ने वाला नहीं है। जनता सब समझ रही है।
लाल रंग क्रांति का प्रतीक है समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि, काले दिल वालों ने पांच साल में सूबे में काला दिन ला दिया। अब वो लाल टोपी वालों के खिलाफ नफरत के बीज बोने चले हैं। अरे लाल रंग तो क्रांति का रंग है, अतीत गवाह है कि जितनी भी क्रांतियां हुईं उन सबका रंग लाल ही था। हर इंसान का रंग लाल ही होता है। ब्रह्मांड के प्रत्यक्ष देव सूर्य नारायण जब उदित होते हैं तो समूचा वायुमंडल लाल ही होता है। कहा कि रोजगार मांगने वाले बच्चों पर लाठीचार्ज कराते हैं, बच्चियों की सुरक्षा के नाम पर काले कारनामे करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं से पहले पेपर आउट कराने का काला कारनामा करते हैं। ऐसे ही लोग लाल रंग के बढ़ते प्रभाव से खौफ खाने लगे हैं तो लोगों डराने की कोशिश कर रहे हैं पर यह तय है कि 2022 में समूची यूपी में ये लाल रंग ही छा जाएगा।
काली टोपी वालों से रहें सावधान आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने काली टोपी वालों से प्रदेश वासियों को सचेत करते हुए कहा कि काली टोपी विनाश और अशांति का प्रतीक होतीं हैं। काली टोपी वालों ने वादा किया था कि महंगाई कम करेंगे, रोजगार देंगे, महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करेंगे, लेकिन हुआ उल्टा आमजन के थाली से रोटी छिन गई, अपराध चरम पर हैं, भ्रष्टाचार का बोल-बाला हैं, किसानों पर गाड़ियां चढ़ाई जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश को खुशहाल रखना हैं तो शांति और समृद्धि के प्रतीक सफेद टोपी वालों को मौका दें। यदि दिल्ली की तरह फ्री बिजली,फ्री पानी,फ्री शिक्षा, फ्री स्वास्थ्य, फ्री यात्रा, फ्री तीर्थयात्रा, बुजुर्गों का खयाल, महिलाओं को सुरक्षा, युवाओं को रोजगार, किसानों, जवानों को सम्मान चाहिये तो सफेद टोपी वालों को मौका दें।