दरअसल, उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव को लेकर मुजफ्फरनगर में प्रथम चरण यानी 10 फरवरी को मतदान होना है। जिसके चलते भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के अलावा बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों ने चुनावी कैंपेन शुरू कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता नेता पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगातार भ्रमण पर हैं और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर उन्हें जीत का मंत्र दे रहे हैं। इसी को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बुधवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे। जहां उनका खतौली विधानसभा और मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम होना था। स्वतंत्र देव सिंह जैसे ही खतौली कस्बे में पहुंचे तो खतौली के मोहल्ला देवीदास में पहले से ही खड़े सैकड़ों वाल्मीकि समाज के लोगों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का विरोध शुरू कर दिया।
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UP Election 2022: कांग्रेस ने जारी की 89 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट, 37 महिला उम्मीदवार केशव प्रसाद मौर्य ने किया था संविदा कर्मियों को स्थाई नौकरी देने का वादा इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के काफिले के साथ चल रही पुलिस ने बमुश्किल लोगों को रोका और उन्हें समझाने का प्रयास किया। मगर, वाल्मीकि समाज के लोगों का गुस्सा सरकार के खिलाफ सातवें आसमान पर देखने को मिल रहा था। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवक सुधीर कुमार वाल्मीकि ने कहा कि आज यहां भाजपा नेता आए। लोगों ने उनकी करनी और कथनी का विरोध किया है। 2017 में चुनाव से पहले जब तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य यहां आए थे तो उन्होंने वाल्मीकि समाज के लोगों से वादा किया था कि नगर पालिका परिषद में संविदा कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों को स्थाई नौकरी दी जाएगी।
मौर्य ने वादा किया था कि हमारी सरकार आई तो हम इन्हें स्थाई नौकरी देंगे, मगर सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने दलित की बेटी का भी अपमान किया है। वह इस बार वोट देकर दलित की बेटी के अपमान का बदला लेंगे। प्रदर्शन कर रहे लोगों को जैसे-तैसे पुलिस ने समझाया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का काफिला आगे बढ़ सका।