भारतीय जनता पार्टी मोदी लहर में भी महमूदाबाद सीट ( Mahmoodabad Assembly constituency) पर कब्जा नहीं कर पाई जबकि उसने जातीय संतुलन को देखते हुए आशा मौर्या को उम्मीदवार बनाया था लेकिन सपा के प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा ने उन्हें हरा दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में नरेंद्र वर्मा को चुनौती देने के लिए भाजपा किस तरह की रणनीति अपनाती है लेकिन इतना तो तय है कि Uttar Pradesh Assembly Election 2022 का चुनावी रण काफी रोचक होगा।
महमूदाबाद विधानसभा क्षेत्र (Mahmoodabad Assembly constituency) के मुद्दों की बात करें तो यहां गन्ना उत्पादक किसानों की संख्या अधिक है। उन्हें गन्ना की खेती में फायदा तो नजर आता है लेकिन चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाना और समय से गन्ने का भुगतान न होने से परेशानी होती है। कई किसान तो कर्ज में डूब जाते हैं। जंगली जानवरों के आमद होने से पशुपालकों को बड़ी परेशानी होती है। कानून व्यवस्था को लेकर भी लोगों की शिकायते हैं।