जीत के पांच जादुई मुद्दे :- 1- नाराज किसानों को खुश करना
2- मुस्लिमों को अपने पाले में लाना
3- विकास का मुद्दा
4- स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई की व्यवस्था
5- कानून-व्यवस्था दुरस्त होना चुनाव 2022 के प्रत्याशी :-
2- मुस्लिमों को अपने पाले में लाना
3- विकास का मुद्दा
4- स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई की व्यवस्था
5- कानून-व्यवस्था दुरस्त होना चुनाव 2022 के प्रत्याशी :-
कांग्रेस सैयद रिहानुद्दीन (मुस्लिम)
भाजपा ठाकुर संगीत सोम (ठाकुर)
बसपा संजीव धामा (दलित)
सपा अतुल प्रधान (गुर्जर) चौंकाने वाला आंकड़ा :- कुल वोटर – 3,57,0363
महिला मतदाता – 1,63,104
पुरुष मतदाता – 1,93,857
मुस्लिम – 75 हजार मुस्लिम
ठाकुर – 50 हजार
दलित – 65 हजार दलित
गुर्जर – 35 हजार गुर्जर
सैनी – 30 हजार
ब्राह्मण – 15 हजार
जाट – 15 हजार
भाजपा ठाकुर संगीत सोम (ठाकुर)
बसपा संजीव धामा (दलित)
सपा अतुल प्रधान (गुर्जर) चौंकाने वाला आंकड़ा :- कुल वोटर – 3,57,0363
महिला मतदाता – 1,63,104
पुरुष मतदाता – 1,93,857
मुस्लिम – 75 हजार मुस्लिम
ठाकुर – 50 हजार
दलित – 65 हजार दलित
गुर्जर – 35 हजार गुर्जर
सैनी – 30 हजार
ब्राह्मण – 15 हजार
जाट – 15 हजार
सरधना सीट का राजनीतिक इतिहास – सरधना विधानसभा में 1977 में जनता पार्टी के बलवीर सिंह पहले विधायक बने। 1980 में सैय्यद जकीउद्दीन, 1985 में लोकदल से अब्दुल वहीद कुरैशी, 1989 में अमरपाल सिंह भाजपा से विधायक बने। 1991 में जनता दल से विजयपाल सिंह तोमर, 1993, 1996, 2002 में भाजपा से रविंद्र पुंडीर विधायक बने। 2007 में बसपा से चौधरी चंद्रवीर सिंह विधायक चुने गए। 2012 और 2017 में भाजपा से संगीत सोम विधायक चुने गए।
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मुजफ्फरनगर दंगे में उभरा सरधना :- 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सरधना अचानक सुर्खियों में आ गय। सरधना से भाजपा विधायक ठाकुर संगीत सोम दंगे के आरोपी बनाए गए। उन्हें जेल जाना पड़ा था। सरधना विधानसभा सीट पर ठाकुर चौबीसी का बड़ा प्रभाव है। यह भी पढ़ें
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सरधना विधानसभा में कुल 135 गांव – दो ब्लॉक – सरधना,दौराला।तीन नगर पंचायत – दौराला, लावड़ व फलावदा।
सरधना एक नगर पालिका सरधना।