टिकट की आस में राजधानी में जमे जौनपुर के सदर विधायक तेज बहादुर को नामांकन से रोका गया है। अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। मछली शहर से कई बार के विधायक जगदीश सोनकर भी टिकट आस में राजधानी में जमे रहें।
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बहार से आए नेताओं ने बिगड़ा गणित सपा से टिकट न मिलने पर बहुत सारे सपाई, बसपाई बन गए तो कुछ ने भगवा पहन लिया है। बसपा के बागी हुए शाह आलम गुड्डू जमाली ने सपा में टिकट न मिलने पर ओवैसी की पार्टी एमआईएमएआईएम से चुनाव मैदान में है। भाजपा से सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ फाजिल नगर से सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी बसपा के टिकट से मैदान में है। जहूराबाद सीट से गठबंधन के उम्मीदवार ओमप्रकाश राजभर के सामने प्रसपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रही सदाब फातिमा बसपा के टिकट पर लड़ रही है। यह भी पढ़ें
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चुनौतियां हैं अनेक सिद्धार्थनगर की डुमरियागंज से सपा उम्मीदवार सैय्यदा खातून के सामने प्रसपा के प्रदेश महासचिव इरफान मलिक एमआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मिजार्पुर के मझवा सीट से टिकट मांग रहे डा. विनोद कुमार बिन्द को ज्ञानपुर से टिकट दे दिया गया है। इससे नाराज बिंद ने टिकट वापस कर दिया है। अब वे मझवा सीट पर निषाद पार्टी के टिकट से सपा उम्मीदवार को चुनौती दे रहे हैं। पूर्वांचल की कई सीटों रार पूर्वांचल की कई सीटों पर ऐसी रार देखी जा रही है। फिरोजाबाद सदर सीट से टिकट मांगने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई की पत्नी सजिया बसपा के टिकट पर ताल ठोंक रही है। सिरसागंज सीट से सपा विधायक हरिओम यादव अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वह चुनाव मैदान में भी है। इसी तरह छह बार विधायक नरेन्द्र सिंह यादव को अमृतपुर से टिकट नहीं दिया। वह नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कायमगंज के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी डा. सुरभि इस बार अपना दल व भाजपा गठबंधन से प्रत्याशी हैं। महोबा सीट पूर्व मंत्री सिद्धू गोपाल साहू को टिकट नहीं मिला है। उनके भाई संजय साहू बसपा से प्रत्याशी है।
लखनऊ में भी है हंगामा बरसा लखनऊ से टिकट न मिलने पर कई उम्मीदवार मैदान में है। मलिहाबाद से सोनू कानौजिया मैदान में है सपा के इंदल रावत कांग्रेस के प्रत्याशी है। सरोजनी नगर से सपा के पूर्व मंत्री शारदा प्रताप प्रसपा से टिकट मांग रहे थे। नहीं मिला भाजपा में चले गये।
भीतरघात की संभावना बढ़ी वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक आमोदकांत मिश्रा बताते हैं कि, विधानसभा चुनाव में सपा ने शुरूआत ठीक की है। पर टिकट वितरण में गड़बड़ी होने से भीतरघात की संभावना बढ़ गई है।