चुनाव

‘अपने’ ही न बन जाएं जीत की राह में रोड़ा, सपा डैमेज कंट्रोल में जुटी

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 यूपी चुनाव धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। दो चरण बीत गए हैं। तीसरा चरण की वोटिंग 20 फरवरी को होने जा रही है। चुनाव के नया चरण समाजवादी पार्टी के गढ़ में होने जा रहा है। पर उनकी डगर काफी मुसीबत भरी हो सकती है। टिकट वितरण और अदला बदली की वजह से तमाम नेता और कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहे हैं। टिकट वितरण की रार होने से भीतरघात के चांस बढ़ रहे हैं।

Feb 15, 2022 / 05:32 pm

Sanjay Kumar Srivastava

akhilesh yadav

यूपी चुनाव धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। दो चरण बीत गए हैं। तीसरा चरण की वोटिंग 20 फरवरी को होने जा रही है। चुनाव के नया चरण समाजवादी पार्टी के गढ़ में होने जा रहा है। पर उनकी डगर काफी मुसीबत भरी हो सकती है। टिकट वितरण और अदला बदली की वजह से तमाम नेता और कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहे हैं। टिकट वितरण की रार होने से भीतरघात के चांस बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह आगे के चरण में समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। अंतिम चरण का नामांकन की डेट करीब है। सपा ने अभी कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। एक वक्त टिकट के प्रबल दावेदार रहे वर्तमान में अपना नया ठिकाना ढूंढ़ कर सपा के खिलाफ ही ताल ठोंक रहे है। पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुटी है लेकिन बात नहीं बन पा रही है। कुछ नाराज नेता क्षेत्र छोड़कर लखनऊ में जमे हैं। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इन दिनों प्रचार में व्यस्त है। कुछ उम्मीदवारों को गुप-चुप तरीके से सिंबल दे दिए गये हैं। कहीं-कहीं अदल-बदल हो रही है।
टिकट की आस में राजधानी में जमे

जौनपुर के सदर विधायक तेज बहादुर को नामांकन से रोका गया है। अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। मछली शहर से कई बार के विधायक जगदीश सोनकर भी टिकट आस में राजधानी में जमे रहें।
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बहार से आए नेताओं ने बिगड़ा गणित

सपा से टिकट न मिलने पर बहुत सारे सपाई, बसपाई बन गए तो कुछ ने भगवा पहन लिया है। बसपा के बागी हुए शाह आलम गुड्डू जमाली ने सपा में टिकट न मिलने पर ओवैसी की पार्टी एमआईएमएआईएम से चुनाव मैदान में है। भाजपा से सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ फाजिल नगर से सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी बसपा के टिकट से मैदान में है। जहूराबाद सीट से गठबंधन के उम्मीदवार ओमप्रकाश राजभर के सामने प्रसपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रही सदाब फातिमा बसपा के टिकट पर लड़ रही है।
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चुनौतियां हैं अनेक

सिद्धार्थनगर की डुमरियागंज से सपा उम्मीदवार सैय्यदा खातून के सामने प्रसपा के प्रदेश महासचिव इरफान मलिक एमआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मिजार्पुर के मझवा सीट से टिकट मांग रहे डा. विनोद कुमार बिन्द को ज्ञानपुर से टिकट दे दिया गया है। इससे नाराज बिंद ने टिकट वापस कर दिया है। अब वे मझवा सीट पर निषाद पार्टी के टिकट से सपा उम्मीदवार को चुनौती दे रहे हैं।
पूर्वांचल की कई सीटों रार

पूर्वांचल की कई सीटों पर ऐसी रार देखी जा रही है। फिरोजाबाद सदर सीट से टिकट मांगने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई की पत्नी सजिया बसपा के टिकट पर ताल ठोंक रही है। सिरसागंज सीट से सपा विधायक हरिओम यादव अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वह चुनाव मैदान में भी है। इसी तरह छह बार विधायक नरेन्द्र सिंह यादव को अमृतपुर से टिकट नहीं दिया। वह नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कायमगंज के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी डा. सुरभि इस बार अपना दल व भाजपा गठबंधन से प्रत्याशी हैं। महोबा सीट पूर्व मंत्री सिद्धू गोपाल साहू को टिकट नहीं मिला है। उनके भाई संजय साहू बसपा से प्रत्याशी है।
लखनऊ में भी है हंगामा बरसा

लखनऊ से टिकट न मिलने पर कई उम्मीदवार मैदान में है। मलिहाबाद से सोनू कानौजिया मैदान में है सपा के इंदल रावत कांग्रेस के प्रत्याशी है। सरोजनी नगर से सपा के पूर्व मंत्री शारदा प्रताप प्रसपा से टिकट मांग रहे थे। नहीं मिला भाजपा में चले गये।
भीतरघात की संभावना बढ़ी

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक आमोदकांत मिश्रा बताते हैं कि, विधानसभा चुनाव में सपा ने शुरूआत ठीक की है। पर टिकट वितरण में गड़बड़ी होने से भीतरघात की संभावना बढ़ गई है।

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