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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : रुदौली सीट पर फिर भिड़ेंगे भाजपा -सपा , 2012 से खिला है कमल

इस विधानसभा क्षेत्र में लोगों को कई प्रकार की दुश्वारियां उठानी पड़ रहीं हैं लेकिन उन्हें दूर करने के ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। ऐसे में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग परेशान हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि इन मुश्किलों से कैसे निजात पाएं ?

Jan 01, 2022 / 01:55 pm

Shiv Singh

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : रुदौली सीट पर फिर भिड़ेंगे भाजपा -सपा , 2012 से खिला है कमल

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : रुदौली सीट पर फिर भिड़ेंगे भाजपा -सपा , 2012 से खिला है कमल

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

रुदौली. लोगों की सुविधा के लिए पिछले चार साल से बन रहा ओवरब्रिज कभी भी शुरू हो सकता है और भारतीय जनता पार्टी नेता चुनाव के ऐन वक्त पर लोकार्पण कराकर वाहवाही लूटने की कोशिश करेगी। यह कहते हुए रुदौली कस्बे के एक शख्स ने बातों में ही यह इशारा किया कि भाजपा यहां से हैट्रिक लगाने के लिए कुछ भी करेगी। वैसे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
दरअसल अयोध्या जिले की रुदौली विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा राम मंदिर आंदोलन की लहर में 1991 में हुआ, जब रामदेव आचार्य विधायक बने। लेकिन रामदेव आचार्य 1993 का चुनाव सपा के इश्तियाक से हार गए हालांकि 1996 में पुन: जीत गए। वर्ष 2002 व 2007 के चुनाव में सपा के अब्बास अली जैदी उर्फ रुश्दी मियां ने जीत दर्ज की। इसके बाद 2012 में भाजपा ने वापसी की और राम चंद्र यादव सपा को हराकर चुनाव जीते। 2017 में फिर रामचंद्र यादव विजयी रहे। इन्हें 90311 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे सपा के अब्बास अली जैदी उर्फ रुश्दी मियां को 59052 वोट मिले। बसपा के फिरोज खान 47256 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
क्षेत्र का यह मुद्दा सुर्खियों में
रुदौली पहले बाराबंकी जिले का एक हिस्सा हुआ करता था लेकिन इसे अयोध्या जिले में शामिल कर लिया गया है। रुदौली कस्बे के लोग इसे पुन: बाराबंकी में शामिल करने की मांग को लेकर जब तब मांग उठाते रहते हैं। विधायक रामचंद्र यादव ने इसे नया जिला बनाकर समाजवादी नेता स्व. राम सेवक यादव के नाम पर करने की मांग की थी। इसके लिए वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले भी थे, लेकिन इसके बाद भी यह मांग आज तक पूरी नहीं हुई|
जर्जर सड़कें बड़ी समस्या
रुदौली नगर में सड़कों की स्थिति थोड़ी ठीक है लेकिन यहां गंदगी अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें जर्जर हैं और आने-जाने वालों को बहुत परेशानी होती है। रुदौली खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। हालांकि यहीं के रज्जाक का कहना है कि नेताओं ने वोट के लिए बैनर तो लगा दिए हैं लेकिन इन समस्याओं को दूर करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
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2022 में फिर भिड़ेंगे भाजपा-सपा
भारतीय जनता पार्टी Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में दो बार से विधायक बन रहे राम चंद्र यादव को फिर एक मौका दे सकती है जबकि समाजवादी पार्टी अपने पुराने वफादार नेता अब्बास अली जैदी उर्फ रुश्दी मियां को उतार सकती है। लेकिन अभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं हुआ है।चुनावी फिजां पर सवाल हुआ तो रुदौली नगर के निवासी शकील ने कहा कि लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही है, क्योंकि माहौल तो दोनों का है। हालांकि क्षेत्र में कांग्रेस और बसपा के संभावित उम्मीदवार के होर्डिंग्स लगे हुए हैं। एक सच यह भी कि वर्ष 1985 में कांग्रेस के मरगूब अहमद खान यहां से आखिरी चुनाव जीते थे, इसके बाद कभी कांग्रेस नहीं जीत पाई।

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