मोदी-योगी सरकार ने कानपुर मंडल को आगे बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम किया। स्मार्ट सिटी और मेट्रो सिटी के रूप में कानपुर आगे बढ़ रहा है। घाटमपुर में निर्माणाधीन सोलर पावर प्लांट भी उपलब्धि कही जा सकती है लेकिन कड़वा सच यह है कि कानपुर की चकाचौंध में मंडल के अन्य जिलों में सबसे अधिक समस्या स्वास्थ्य सेवाओं, रोजगार की कमी और शिक्षा व्यवस्था की है।
राजनीति के लिहाज से देखें तो कानपुर मंडल के राजनेता हमेशा से प्रभावी रहे हैं। चाहे भाजपा की सरकार हो या सपा-बसपा-कांग्रेस की। वर्तमान समय में भी कानपुर मंडल के दो सांसद साध्वी निरंजन ज्योति केंद्र में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री और भानुप्रताप वर्मा मध्यम उद्यम राज्य मंत्री हैं जबकि चार विधायक सतीश महाना कैबिनेट मंत्री, नीलिमा कटियार, जय कुमार जैकी, रणवेंद्र सिंह धुन्नी व एक अन्य राज्यमंत्री हैं। पार्टी इन मंत्रियों की चुनाव में बड़ी भूमिका चाहती है। ऐसे में इन मंत्रियों पर बेहतर चुनावी प्रदर्शन करने का दबाव भी है।
चुनाव देख बदल रहे दल
कांग्रेस के सांसद रहे राजाराम पाल सपा में ज्वाइन कर ली है। बसपा के आरपी कुशवाहा भी सपाई हो गए हंै। वहीं, बसपा के जोनल को-ऑर्डिनेटर मनोज दिवाकर भाजपाई हो गए हैं। देखादेखी कई अन्य नेता भी टिकट की आस में हर दल में संभावनाएं तलाश रहे हैं।
कानपुर की 10 सीटों में से सात सीटें भाजपा के पास हैं। इनमें भाजपा के महेश त्रिवेदी किदवई नगर से, सुरेंद्र मैथानी गोविंद नगर से, उपेंद्र पासवान घाटमपुर से, सतीश महाना महाराजपुर से, अभिजीत सिंह सांगा बिठूर से, भगवती सागर बिल्हौर से, नीलिमा कटियार कल्याणपुर से विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के अमिताभ वाजपेयी आर्यनगर से और इरफान सोलंकी सीसामऊ से विधायक हैं। कांग्रेस की एकलौती सीट कैंट की है,जहां से सोहिल अख्तर अंसारी विधायक हैं। इनमें गोविंद नगर से सत्यदेव पचौरी के एमपी बनने के बाद उपचुनाव में सुरेंद्र मैथानी निर्वाचित हुए जबकि कमलारानी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में घाटमपुर से उपेंद्र पासवान विजयी हुए।
कानपुर देहात की सभी चार सीटे भाजपा के कब्जे में हैं। इनमें प्रतिभा शुक्ला अकबरपुर-रनियां से, निर्मला शंखवार रसूलाबाद (सु.) से, विनोद कटियार भोगनीपुर से और अजीत पाल सिकंदरा से विधायक हैं।
इटावा – 3 सीटें
इटावा की तीन में से दो सीटों पर भाजपा व एक सीट पर प्रसपा काबिज है। इनमें भाजपा की सरिता भदौरिया इटावा से, सावित्री कठेरिया भरथना (सुरक्षित) से विधायक हैं। जसवंतनगर सीट से सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिव पाल यादव विधायक हैं।
जिले की सभी तीनों पर भाजपा के विधायक हैं। इनमें विनय शाक्य बिधूना से, रमेश दिवाकर औरैया से और लाखन सिंह राजपूत दिबियापुर से निर्वाचित हुए थे। इनमें औरैया के विधायक रमेश दिवाकर का निधन हो चुका है।
इन चार सीटों में सभी सीटें भाजपा के पास हैं। इनमें मेजर सुनील दत्त द्विवेदी फर्रुखाबाद सदर से, नागेंद्र सिंह राठौर भोजपुर से, सुशील शाक्य अमृतपुर से और अमर सिंह
कायमगंज से विधायक हैं।
कन्नौज की तीन सीटों में एक सीट कन्नौज सदर (सु.) सपा के पास है। यहां से सपा के अनिल दोहरे विधायक हैं जबकि भाजपा दो सीटों पर है। इनमें तिर्वा से कैलाश राजपूत और छिबरामऊ अर्चना पांडेय विधायक हैं।
कानपुर महानगर : जाम, अतिक्रमण की समस्या कानपुर देहात : आवागमन में दिक्कत, सड़कें और बिजली की समस्या
औरैया : स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल, भटकते हैं मरीज, जलजमाव भी समस्या
इटावा : सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण अभी अधूरा पड़ा है। बुनकर उद्योग बेहाल, आलू उत्पादकों को सुविधाएं नहीं
कन्नौज : बिजली,पानी और मेडिकल सुविधाओं का अभाव
फर्रुखाबाद : नेशनल हाईवे बनाने का काम शुरू नहीं, भोलेपुर में रेलवे क्रॉसिंग व शुकरुल्लाहपुर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज अधूरा।