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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : मिल्कीपुर में सामंतशाही -हिंसा की जड़ों को खूब मिलता है खाद-पानी, चुनावी रंजिश में जा चुकी है कई की जान अयोध्या जिले की गोसाईगंज विधानसभा सीट वर्ष 2012 परिसीमन में अस्तित्व में आई। एक खास वजह से यह सीट भाजपा के लिए एक तरह से चुनौती बनती दिख रही है। वजह है कि विधानसभा चुनाव 2017 में निर्वाचित हुए भाजपा के इंद्र प्रताप ऊ र्फ खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाना। ऐसे में भाजपा को एक ऐसे जिताऊ कंडीडेट की तलाश है,जो इस सीट पर जीत सके। वर्ष 2017 का चुनाव भाजपा के इंद्र प्रताप ऊर्फ खब्बू तिवारी ने समाजवादी पार्टी के अभय सिंह को हरा कर जीता था। खब्बू तिवारी को 89586 (39.91 प्रतिशत) वोट मिले थे जबकि सपा के अभय सिंह को 77966 (34.73 प्रतिशत) वोट मिले थे। बसपा के धर्म राज निषाद यहां तीसरे नंबर थे। कुल10 उम्मीदवार थे और कुल मतदान 60.44 प्रतिशत हुआ था। बाहुबलियों की राजनीति
क्षेत्र में बाहुबलियों की राजनीति चलती है। वर्ष 2012 के चुनाव में सपा ने यहां दबंग छवि वाले अभय सिंह को टिकट दिया था और उन्होंने बसपा के इंद्र प्रताप ऊर्फ खब्बू तिवारी को परास्त किया था लेकिन वर्ष 2017 के चुनाव में इंद्र प्रताप ऊर्फ खब्बू तिवारी भाजपाई हो गए और टिकट भी पा गए। निर्वाचित होने के बाद एक मामले में खब्बू तिवारी की विस सदस्यता चली गई। अब चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कई ऐसे भी राजनेता सक्रिय हैं, जिनके रिश्ते बड़े माफियाओं से हैं और वे कई तरह के अपराधों में लिप्त हैं लेकिन राजनीति का चोला ओढ़कर समाजसेवा कर रहे हैं। 66 साल के राम सुंदर का कहना है कि हिंसा पहले भी होती थी और आज भी हो रही है, कुछ बदला नहीं है।
वर्ष 2022 के लिए भाजपा को जिताऊ कंडीडेट की तलाश
खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता रद्द होने से भाजपा को न केवल झटका लगा है बल्कि पार्टी विद डिफरेंस की छवि भी प्रभावित हुई है। ऐसे में भाजपा को Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में एक अदद जिताऊ कंडीडेट की दरकार है। क्षेत्र के राम करण बताते हैं कि भाजपा कहीं बाहर से चेहरा नहीं लाने वाली है,बल्कि क्षेत्र में सक्रिय नेताओं में से किसी को ही टिकट देगी। संभव है कि किसी दूसरी पार्टी से भी चेहरा लाकर दांव लगा दे। रामकरण की बात में दम इसलिए भी लगता है कि सत्ता वापसी के लिए जोर लगा रही भाजपा गोसाईगंज सीट पर किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती है। भाजपा अपनी ताकत वर्ष 2012 के चुनाव में देख चुकी है, जब गोकरण द्विवेदी सिर्फ 4555 वोट पाकर चौथे स्थान पर लुढ़क गए थे।
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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : रुदौली सीट पर फिर भिड़ेंगे भाजपा -सपा , 2012 से खिला है कमल ये हैं मुख्य मुद्देविधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या सड़कें, खाद की किल्लत और बिजली की अनियमित आपूर्ति है। सड़कें खराब होने से आवागमन में बड़ी परेशानी होती है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठीकठाक नहीं है। कानून व्यवस्था लचर है और लोगों को कहना है कि सुनवाई नहीं होती है। खाद के लिए किसानों को लाइन लगानी पड़ रही है। हालांकि लाइन तो राशन दुकानों पर लगी है लेकिन वहां इस बात से खुश नजर आते हैं कि मोदी-योगी सरकार मुफ्त में राशन दे रही है।