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यूपी विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन कुछ छुपाया तो खैर नहीं, इस विधायक से लें सबक

UP Assembly Election Candidates Nomination Guidelines मकर संक्रांति 14 जनवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ सिर्फ दो व्यक्ति निर्वाचन अधिकारी के कक्ष तक जा सकेंगे। ऐसे कई नियम हैं बाकी के लिए गाइडलाइन पढ़ें

Jan 14, 2022 / 03:34 pm

Sanjay Kumar Srivastava

यूपी विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन कुछ छुपाया तो खैर नहीं, इस विधायक से लें सबक

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों के लिए मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर अधिसूचना जारी किया गया है। अब आज से नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। पहली बार चुनाव आयोग में नामांकन के लिए ऑनलाइन की सुविधा दी गई है। यूपी चुनाव के लिए जो प्रत्याशी नामांकन करने जा रहे हैं, वो अलर्ट रहें। आयोग की चुनाव नामांकन की जारी गाइडलाइन का पालन करें। अगर नामांकन के वक्त गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया या फिर बाद में कोई छुपी जानकारी बाहर आई तो खैर नहीं। तत्काल कार्रवाई होगी। और नामांकन रद हो जाएगा। चुनाव जीतने के बाद अगर पकड़े गए तो विधायकी रद हो जाएगी। इसका सबसे बड़ा ताजा उदाहरण स्वार टांडा (Suar Tanda Assembly seat) से विधायक अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद होना है, जिसमें उन्होंने अपनी जानकारी गलत ढंग से पेश की थी। जानें चुनाव नामांकन गाइडलाइन क्या है?
प्रत्याशी के नामांकन की गाइडलाइन

नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ सिर्फ दो व्यक्ति ही निर्वाचन अधिकारी के कक्ष तक जा सकेंगे। प्रत्याशी सुविधा ऐप के माध्यम से अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। और उसकी प्रति निर्वाचन अधिकारी के समक्ष जमा कर सकते हैं। कोरोनावायरस संक्रमण के चलते नामांकन के समय किसी भी प्रत्याशी को जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी। नामांकन के वक्त प्रत्याशी सिर्फ दो गाड़ियों का ही प्रयोग कर सकेगा।
तीन बार आपराधिक इतिहास बताना होगा

नामांकन करने वाले प्रत्याशी के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार, इस बार अगर कोई चुनाव लड़ रहा है तो उनको आपराधिक इतिहास बताना होगा। उसमें शपथ पत्र के साथ आरओ को पत्र दाखिल करना होगा कि वह कितने बड़े अपराधी हैं और कितने मामले न्यायालय या थाने में चल रहे हैं। यह आपराधिक इतिहास तीन बार बताना होगा। इसमें पहली बार जब नामांकन पत्र दाखिल करेंगे तो तीन से चार दिन बाद दिखाएंगे। फिर दूसरी बार में पांच से आठ दिन के बीच आपराधिक इतिहास दिखाना है। इसके बाद तीसरी बार में नौ दिन बाद जब प्रचार-प्रसार बंद हो रहा होगा, तब अपना आपराधिक रिकार्ड बताना पड़ेगा।
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बार-बार अखबारों में प्रकाशित कराना होगा

विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को अपना आपराधिक मामला सार्वजनिक करना होगा। आयोग का निर्देश है कि, आपराधिक मामलों को बार-बार अखबारों में प्रकाशित करना होगा। जनता को जानकारी हो सके कि कितने बड़े अपराधी हैं।
आपराधिक इतिहास बताना बेहद जरूरी

बदायूं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपा रंजन ने बताया, विधानसभा चुनाव में जो भी प्रत्याशी नामांकन कराएंगे उनके लिये अपना आपराधिक इतिहास बताना होगा और समाचार पत्रों में आपराधिक इतिहास प्रकाशित कराना होगा। इसके साथ-साथ नामांकन से चुनाव प्रचार बंद होने तक तीन बार आपराधिक इतिहास बताना होगा।
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27 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि, विधान सभा की 403 सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव होंगे। मतदान 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 21 जनवरी है। नामांकन पत्रों की जांच 24 जनवरी को होगी और 27 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। इस चरण की सीटों पर मतदान 10 फरवरी को होगा।

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