सभी सियासी दल कर रहे हैं लोकलुभावन वादें सभी राजनीतिक दलों में मतदाताओं को प्रलोभन देने की होड़ है। सपा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा की है। कांग्रेस ने नौकरियों के अलावा 2500 रुपये प्रति कुंतल गेंहू और 400 रुपये प्रति कुंतल गन्ने का रेट तय करने को कहा है। दिल्ली की आप पार्टी की घोषणाओं में पीछे नहीं है। किसानों की कर्जमाफी और मुफ्त बिजली जैसी लोकलुभावन वादें किये जा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के दावे किसानों की बिजली की दरें 50% कम करने का दावा एक करोड़ युवाओं को मुफ्त टैबलेट, स्मार्टफोन का वादा
प्रदेश के 4.5 करोड़ श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजे।
एक करोड़ निराश्रित महिलाओं के खाते में भी एक-एक हजार रुपये भेजे।
करोड़ों लोगों को फ्री राशन देने का वादा। समाजवादी पार्टी के दावे किसानों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का दावा
2022 में 22 लाख युवाओं को आईटी सेक्टर में नौकरी का दावा 12वीं पास करने वाले युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने का वादा 10वीं पास युवाओं को फ्री टैबलेट देने का वादा
युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का एलान
ये भी पढ़े:
प्रियंका गांधी पर बरसी मायावती कहा, कांग्रेस वोट कटवा बीएसपी को ही वोट दें कांग्रेस 8 लाख महिलाओं समेत 20 युवाओं को रोजगार देने का वादा।
महिलाओं को पूरे प्रदेश में फ्री बस सेवा की सुविधा दी जाएगी।
स्नातक में नामांकित लड़कियों को मुफ्त स्कूटी, स्मार्टफोन का वादा। महिलाओं को साल में 3 गैस सिलेंडर फ्री देने का एलान। परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिए एक एफडी बनवाई जाएगी।
बसपा मुफ्त वादों की होड़ से दूर सूबे में नए सियासी खिलाड़ी के तौर पर उतरने के प्रयास में जुटी आम आदमी पार्टी मुफ्त बिजली ओर पानी से लेकर तीर्थयात्रा का दिल्ली माडल उसका सबसे प्रमुख चुनावी अस्त्र दिख रहा है। लेकिन बसपा जरूर अभी तक इस होड़ में शामिल नहीं है। हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने 4 बड़े चुनावी वादे जरूर किये हैं।
बसपा के चुनावी वादें सरकारी विभागों में खाली पदों को भरा जाएगा। महिलाओं को राजनीति और सरकारी नौकरियों में 50% आरक्षण। कानून व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
सर्व समाज का विकास होगा।
योगी सरकार के अब तक के बजट 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट 2018-19 में 4.28 लाख करोड़ 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ 2021-22 में 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का बजट
बेहिसाब बढ़ेगा सरकारी खजाने पर बोझ कुल मिलाकर अगर सियासी दलों के दावों और वादों को देखें तो योगी सरकार के कार्यकाल के अब तक पेश किये गये बजट की तुलना से अधिक ही होंगे। मोटे तौर पर बात करें तो योगी सरकार ने किसानों को 50 फीसदी बिजली मुफ्त देने का वादा किया है। इससे सरकार पर करीब एक हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसी तरह सपा ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है। प्रदेश में 3 करोड़ बिजली अपभोक्ता है। अगर 6 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से जोड़ें तो प्रति उपभोक्ता पर 1800 रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। इसी तरह मुफ्त टैबलेट, स्मार्टफोन, ई-स्कूटी, गैस सिलेंडर, सरकारी नौकरी के वादों आदि पर कितना आने वाली सरकार पर भार पड़ेगा इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।