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UP Assembly Elections 2022 : दरियाबाद सीट पर वर्ष 2012 में 40 साल के भाजपाई ने छह बार विधायक रहे 60 साल के राजा को हराया था, क्या फिर होंगे …

वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के उस उम्मीदवार से राजीव कुमार सिंह को करारी हार मिली। जो पहली बार चुनाव मैदान में था। नाम है सतीश चंद्र शर्मा। Uttar Pradesh Assembly Elections 2022 में फिर कुछ ऐसा ही मुकाबला नजर आने लगा है लेकिन लोगों को उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार है।

Dec 31, 2021 / 06:10 pm

Shiv Singh

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022 : दरियाबाद सीट पर वर्ष 2012 के चुनाव में 40 साल के सतीश ने छह बार विधायक रहे 60 साल के राजा को हराकर खिलाया था कमल, क्या अब फिर होंगे आमने-सामने

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बाराबंकी. यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि मतदाता चुनाव में किसी को कई बार प्यार देता है तो कभी जोर का झटका भी। हम बात कर रहे हैं बाराबंकी जिले की दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र की। इलाके में राजा हड़हा के नाम से लोगों के बीच मशहूर राजीव कुमार सिंह छह बार दरियाबाद से विधायक चुने गए और वे मंत्री भी बने लेकिन वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के उस उम्मीदवार से उन्हें करारी हार मिली। जो पहली बार चुनाव मैदान में था। नाम है सतीश चंद्र शर्मा । Uttar Pradesh Assembly Elections 2022 में फिर कुछ ऐसा ही मुकाबला नजर आने लगा है, लेकिन लोगों को उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार है।
उत्तर प्रदेश में चुनावी गहमागहमी के बीच दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर जब लोगों से बातचीत की गई तो यही निष्कर्ष निकला कि यहां लड़ाई भाजपा और सपा के बीच है। सुमेरगंज के विजय यादव का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी ओबीसी वोट भाजपा के पक्ष में जाने से यहां से भाजपा जीती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। उनका कहना है कि राजीव कुमार सिंह क्षेत्र से कई बार विधायक रहे हैं लेकिन इसके उलट बढईनपुरवा के रामधीरज प्रजापति का कहना है कि वे योगी व मोदी के काम से खुश हैं और उनका वोट इन्हीं के उम्मीदवार को जाएगा। अपने पुश्तैनी काम से जीविकोपार्जन करने वाले राम धीरज का कहना है कि सरकार के स्वदेशी को बढ़ावा देने से उनका पुश्तैनी काम ठीक-ठाक चल रहा है। क्षेत्र के एक और शख्स राजेश शर्मा का कहना है कि असली तस्वीर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद ही साफ हो पाएगी लेकिन मुख्य लड़ाई भाजपा और सपा के बीच होनी है। दरियाबाद विधानसभा सीट अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में आती है।
रोजगार के लिए सरकार करे मदद
सुमेरगंज निवासी मोहर्रम अली कोरोना से पहले साइकिल की दुकान चलाते थे, लेकिन जब यह धंधा बंद हो गया तो उन्होंने फेरी लगाकर गांवों में कपड़ा बेचना शुरू किया है लेकिन घर चलाने में परेशानी आ रही है। इनका कहना है कि सरकार मदद करे तो उन जैसे तमाम लोगों को भला हो पाएगा। मोहर्रम अली का कहना है मोदी बढिय़ा काम कर रहे हैं।
एनएच क्रास करने में आती है परेशानी
सुमेरगंज में पढऩे जाने वाले मुन्नू का पुरवा, दुलहटेपुर और आसपास गांव के बच्चों ने पत्रिका को बताया कि एनएच क्रास करने में दुर्घटना का डर बना रहता है। अगर सरकार इसमें कुछ मदद करे तो उन्हें सुविधा हो जाएगी।
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हारे थे छह बार के विधायक
पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सतीश चंद्र शर्मा ने समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार सिंह को परास्त कर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में 40 साल के सतीश चंद्र शर्मा ने 119173 वोट हासिल किए थे जबकि सपा के राजीव कुमार सिंह को 68487 वोट मिले थे। बसपा के मुबास्सिर को 54512 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में कुल 11 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी और विधानसभा चुनाव में 2545710 वोट पड़े थे। राजा हड़हा के नाम से क्षेत्र के मतदाताओं के बीच अपनी मजबूत पकड़ रखने की वजह से राजीव कुमार सिंह पहला चुनाव वर्ष 1985 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते जबकि वर्ष 1989 का चुनाव कांग्रेस के बैनर से। वर्ष 1991व 1993 के चुनाव को छोड़कर वर्ष 1985 से वर्ष 2017 तक विधायक रहे। राजीव कुमार सिंह कांग्रेस, भाजपा में भी रह चुके हैं।
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क्या अगले चुनाव में बदलेगा समीकरण
Uttar Pradesh Assembly Elections 2022 में अभी किसी दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है लेकिन क्षेत्र में प्रचार का काम तेज हो गया है। इलाके में नव वर्ष व मकर संक्रांति के लिए लोगों को शुभकामनाएं देने वाले होर्डिंग्स लगा रखे हैं। पिछले चुनाव में जिस तरह भाजपा ने 40 साल के सतीश चंद्र शर्मा पर दांव लगाकर 60 साल के राजा को पटखनी दी थी,उससे लग रहा है कि भाजपा इस सीट को हर हाल में बचाए रखेगी। सतीश शर्मा के बारे में क्षेत्र के लोगों का कहना है कि उनका परिवार तीन पीढिय़ों से भाजपा में हैं और वर्तमान में उनके परिजन आरएसएस के बड़े पदाधिकारी हैं। ऐसे में अगर सब कुछ ठीक रहा तो टिकट उन्हें ही मिलेगा।

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