सुमेरगंज निवासी मोहर्रम अली कोरोना से पहले साइकिल की दुकान चलाते थे, लेकिन जब यह धंधा बंद हो गया तो उन्होंने फेरी लगाकर गांवों में कपड़ा बेचना शुरू किया है लेकिन घर चलाने में परेशानी आ रही है। इनका कहना है कि सरकार मदद करे तो उन जैसे तमाम लोगों को भला हो पाएगा। मोहर्रम अली का कहना है मोदी बढिय़ा काम कर रहे हैं।
सुमेरगंज में पढऩे जाने वाले मुन्नू का पुरवा, दुलहटेपुर और आसपास गांव के बच्चों ने पत्रिका को बताया कि एनएच क्रास करने में दुर्घटना का डर बना रहता है। अगर सरकार इसमें कुछ मदद करे तो उन्हें सुविधा हो जाएगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सतीश चंद्र शर्मा ने समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार सिंह को परास्त कर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में 40 साल के सतीश चंद्र शर्मा ने 119173 वोट हासिल किए थे जबकि सपा के राजीव कुमार सिंह को 68487 वोट मिले थे। बसपा के मुबास्सिर को 54512 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में कुल 11 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी और विधानसभा चुनाव में 2545710 वोट पड़े थे। राजा हड़हा के नाम से क्षेत्र के मतदाताओं के बीच अपनी मजबूत पकड़ रखने की वजह से राजीव कुमार सिंह पहला चुनाव वर्ष 1985 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते जबकि वर्ष 1989 का चुनाव कांग्रेस के बैनर से। वर्ष 1991व 1993 के चुनाव को छोड़कर वर्ष 1985 से वर्ष 2017 तक विधायक रहे। राजीव कुमार सिंह कांग्रेस, भाजपा में भी रह चुके हैं।
क्या अगले चुनाव में बदलेगा समीकरण
Uttar Pradesh Assembly Elections 2022 में अभी किसी दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है लेकिन क्षेत्र में प्रचार का काम तेज हो गया है। इलाके में नव वर्ष व मकर संक्रांति के लिए लोगों को शुभकामनाएं देने वाले होर्डिंग्स लगा रखे हैं। पिछले चुनाव में जिस तरह भाजपा ने 40 साल के सतीश चंद्र शर्मा पर दांव लगाकर 60 साल के राजा को पटखनी दी थी,उससे लग रहा है कि भाजपा इस सीट को हर हाल में बचाए रखेगी। सतीश शर्मा के बारे में क्षेत्र के लोगों का कहना है कि उनका परिवार तीन पीढिय़ों से भाजपा में हैं और वर्तमान में उनके परिजन आरएसएस के बड़े पदाधिकारी हैं। ऐसे में अगर सब कुछ ठीक रहा तो टिकट उन्हें ही मिलेगा।