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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : गोसाईगंज में बाहुबली की तलाश में भाजपा, जो कब्जा बनाए रखने में रहे कामयाब बीकापुर विधानसभा क्षेत्र (Bikapur Assembly constituency) के जलालपुर क्रासिंग पर गांव सराय बनौली जा रहे शाहरुख का कहना है कि वर्तमान विधायक ने जितने काम कराए हैं, उनका लाभ चुनाव में मिलेगा। इनका कहना है कि अगर सपा ने आनंदसेन को टिकट नहीं दिया तो यहां भाजपा की राह आसान हो जाएगी। ये हैं मुख्य मुद्दे
क्षेत्र की सड़कें जर्जर हैं। लंबे समय से सड़कों की रिपेयरिंग न होने से जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। शाहगंज क्षेत्र में तो ऐसी स्थिति है कि आवागमन मुश्किल है। एक और बड़ी समस्या छुट्टा जानवरों की है। हालांकि सरकार ने कई जगह पशु आश्रय की व्यवस्था की है लेकिन सूरज ढलते ही पशुओं के झुंड में खेतों में फसल नष्ट करने पहुंच जाते हैं। क्षेत्र में रोजगार के अवसर न के बराबर हैं। एक निजी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रहे मूलराज यादव का कहना है कि पढ़ाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। सरकारी संस्थानों अच्छी पढ़ाई का अभाव है। बड़ी संख्या में शिक्षण संस्थान निजी क्षेत्र होने के कारण क्षेत्र के गरीब अभिभावक अपने बेटे-बेटियों को उचित शिक्षा नहीं दिला पाते हैं।
राजनीति में प्रभावी हैं बाहुबली
वैसे तो पूरे अयोध्या जिले की राजनीति में अपराध की छाप है, ऐसे में बीकापुर क्षेत्र (Bikapur Assembly constituency) भी अछूता नहीं है। यहां आनंद सेन यादव और जितेंद्र सिंह ऊर्फ बबलू भइया की गिनती बाहुबलियों में होती है। समय-समय पर इनके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हो चुके हैं। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध भी शामिल हैं लेकिन इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता करार देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। इसके अलावा कई अन्य भी दबंग किस्म के संभावित उम्मीदवारों के होर्डिंग्स क्षेत्र में लगे हुए हैं।
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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : मिल्कीपुर में सामंतशाही -हिंसा की जड़ों को खूब मिलता है खाद-पानी, चुनावी रंजिश में जा चुकी है कई की जान फिर भिड़ेंगे भाजपा-सपाविधानसभा चुनाव 2022 ( Uttar Pradesh Assembly Election 2022 ) में भाजपा और समाजवादी पार्टी की ही भिड़ंत होने वाली है। हालांकि अभी की तस्वीर यही है। बसपा यहां अपने साइलेंट वर्कर्स के सहारे लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई है जबकि कांग्रेस व अन्य दल भी क्षेत्र में कुछ बूथ पर उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर कई नाम हैं लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि आनंदसेन को अपनी सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि आनंदसेन का कहना है कि वे क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हैं लेकिन टिकट का फैसला तो पार्टी ही करेगी।