भाजपा के उपेंद्र रावत यहां से सांसद हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में बाराबंकी सीट पर समाजवादी पार्टी के धर्मराज सिंह यादव ऊर्फ सुरेश यादव ने मोदी लहर को बेअसर कर दिया था। हालांकि जिले की अन्य पांच सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इनमें कुर्सी से भाजपा के साकेंद्र प्रताप वर्मा, राम नगर से भाजपा के ही शरद अवस्थी, जैदपुर से भाजपा के उपेंद्र सिंह, दरियाबाद से सतीश चंद्र शर्मा और हैदरगढ़ से बैजनाथ रावत ने जीत दर्ज की थी। उपेंद्र के सांसद बनने के बाद जैदपुर सीट पर उपचुनाव में सपा काबिज हो गई। इस समय जिले में भाजपा को चार सीटों पर और सपा का दो सीटों पर कब्जा है।
अब वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा जिले में अपनी जीत दोहराने के साथ ही किसी भी सूरत में बाराबंकी की सीट भी सपा से छीनना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने अपने सहयोगी संगठनों को सक्रिय कर दिया है। भाजपा के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर बाराबंकी की सीट के लिए कई दावेदार मैदान में आ चुके हैं। इनमें दूसरे दलों से आए एक पूर्व मंत्री का परिवार भी शामिल है। भाजपा नेतृत्व ने सभी विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कराए गए विकास कार्य जनता को बताने के निर्देश दिए हैं। विधायक गांव-गांव जाकर चौपाल लगाने लगे हैं लेकिन माना जा रहा है कि कुछ विधायकों की पापुलारिटी कम होने से टिकट में बदलाव भी संभव है। इनमें एक-दो विधायकों पर भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्मान देने की बात भी कही जा रही है।
ये भी पढ़ें:
प्रियंका गांधी का बड़ा आरोप, भाजपा सरकार उनके बच्चों का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर रही है उधर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अपने प्रदर्शन को दोहराने के साथ ही कुछ अन्य सीटों पर अपना झंडा लहराना चाहती है। सपा की साइकिल यात्रा और? अखिलेश यादव के विजय रथ से सपा कार्यकर्ताओं में जोश भी है। बाराबंकी की सीटों को लेकर चर्चा यह भी है कि कुछ नए चेहरों को भी आजमाया जा सकता है। सपा के जिला अध्यक्ष हाफिज अयाज अहमद का कहना है कि UP Assembly Election 2012 के चुनावी इतिहास दोहराते हुए वर्ष 2022 में सपा की सरकार बनेगी। बाराबंकी में कांग्रेस का कभी दमदार प्रदर्शन हुआ करता था लेकिन अब अन्य जगहों की तरह यहां भी कमजोर है। जिले में पार्टी का प्रदर्शन इसलिए थोड़ा बेहतर नजर आता है,क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेता पीएल पुनिया अपने बेटे तनुज पुनिया को विधायक बनाना चाहते हैं लेकिन उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है। इसलिए पुनिया UP Assembly Election 2022 में फिर वे अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा भी कुछ लुभावने वादों के साथ दौरा कर चुकी हैं लेकिन कांग्रेस को अभी जमीनी स्तर पर और लड़ाई लडऩे की दरकार है।