पांचवें चरण में मुद्दे ही मुद्दे भाजपा व मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के दावों-प्रतिदावों के बीच आधे से अधिक सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। पश्चिम यूपी की उपजाऊ खेती से मध्य होते हुए अवध तक पहुंचे सियासी घमासान में जनता का मिजाज कुछ बदलता जा रहा है। एक तरफ मुस्लिम-यादव की एकजुटता के साथ बेरोजगारी, महंगाई और कर्मचारियों की आकांक्षाओं को मुद्दा बनाकर सत्ता तक पहुंचने की जद्दोजहद है, तो दूसरी ओर गरीबों को मुफ्त राशन ने तमाम जगहों पर जातीय व साम्प्रदायिक गोलबंदी तक को पीछे छोड़ दिया है। किसानों को 6000-6000 रुपए की वार्षिक सहायता, बुजुर्गों को पेंशन, गरीबों को मकान, शौचालय के साथ महिलाओं व खासकर स्कूली बेटियों को बेहतर महसूस होती कानून-व्यवस्था व माफिया के खिलाफ हुई कार्रवाइयों की बड़ी ताकत नजर आ रही है। वैसे सबसे बड़े मुद्दों में किसान, आवारा पशु, राम मंदिर, सुशासन-कुशासन और धार्मिक बयानबाजी इस पांचवें चरण के अहम मुद्दे हैं।
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छह मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर पांचवें चरण में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के छह मंत्रियों की साख दांव पर लगी हुई है। केशव प्रसाद मौर्य (सिराथू), राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह (पट्टी), सिद्धार्थनाथ सिंह (इलाहाबाद पश्चिम), नंदगोपाल नंदी (इलाहाबाद दक्षिण), रमापति शास्त्री (मनकापुर), चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय (चित्रकूट सदर) सीट से उम्मीदवार हैं। नौ बजे तक औसतन कुल 8.02 फीसद मतदान अमेठी (8.65), रायबरेली (7.48), सुल्तानपुर (8.58), चित्रकूट (8.78), प्रतापगढ़ (7.75), कौशांबी (11.40), प्रयागराज (7.07), बाराबंकी (6.20), अयोध्या (9.44), बहराइच (7.51), श्रावस्ती (9.65) और गोंडा (8.29) में वोटिंग हो रही है। नौ बजे तक कुल औसतन 8.02 फीसद मतदान हुआ है।