1989 से भाजपा के पास है सीट बता दें कि गोरखपुर शहर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का मजबूत किला है। 1989 से लेकर अभी तक हुए चुनावों में इस विधानसभा सीट पर भाजपा कभी पराजित नहीं हुई है। साल 2002, 2007, 2012 और 2017 राधा मोहनदास अग्रवाल जीत का परचम लहरा रहे हैं। इसके पहले भी इस सीट से शिवप्रताप शुक्ला चुनाव जीतते रहे हैं। भाजपा ने इस बार राधा मोहन अग्रवाल की जगह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रत्याशी बनाया है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों पर पड़ेगा असर भाजपा सीएम योगी को इस सीट से चुनावी मैदान में उतार कर गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराने की कोशिश में है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 41 में से 37 विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया था। गोरखपुर जिले के 9 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने आठ पर जीत का परचम लहराया था। अब 2022 में जीत का परचम लहराने की जिम्मेदारी सीएम योगी पर है।
योगी के चुनाव न लड़ने से रामनगरी के लोग मायूस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में 42 बार रामनगरी अयोध्या का दौरा किया है। सीएम योगी के अयोध्या से चुनाव न लड़ने पर यहां के लोग में मायूसी है। लेकिन एक कारण यह माना जा रहा है कि रामनगरी अयोध्या में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर लोगों में नाराजगी सामने आ रही है। कहीं पर जमीन अधिग्रहण को लेकर गुस्सा है, तो कहीं पर दुकान को खाली कराए जाने को लेकर है। हालांकि सीएम योगी ने कहा था कि पार्टी जहां से भी आदेश करेगी, वे वहां से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
ये भी पढ़े: भाजपा ने काटे 20 विधायकों के टिकट, 2 गये सपा में, बाकी कहां, पढ़िये खबर ब्रज के लोगों को भी मिली निराशा सीएम योगी समेत पूरे शीर्ष नेतृत्व ने यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले मथुरा का मुद्दा उठाया। भाजपा राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने तो यहां तक कह डाला था कि प्रदेश की हर विधानसभा के मतदाता चाहते हैं कि योगीजी उनके यहां से चुनाव लड़े, लेकिन ब्रज क्षेत्र की जनता की विशेष इच्छा है कि योगीजी मथुरा से चुनाव लड़े। सीएम योगी की जगह मथुरा से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को ही प्रत्याशी बनाया गया है। मथुरा विधानसभा सीट ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। इस विधानसभा से कांग्रेस के प्रदीप माथुर चार बार जीत का परचम लहरा चुके हैं। प्रदीप माथुर को 2017 में श्रीकांत शर्मा ने हराकर जीत का परचम लहराया था।
गोरखपुर से 5 बार सांसद रहे हैं सीएम योगी राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रामनगरी अयोध्या और कृष्ण की भूमि मथुरा दोनों सीटों पर योगी आदित्यनाथ को मेहनत करनी पड़ती। लेकिन गोरखपुर शहर सीट पर ऐसा नहीं है। ये विधानसभा सीट योगी आदित्यनाथ का गढ़ रही है। योगी गोरखपुर से पांच बार सांसद भी रहे हैं और उनके ही करीबी राधा मोहनदास अग्रवाल चार बार से विधायक बन रहे हैं। जानकारों का कहना है कि गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने का असर गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया, संतकबीरनगर समेत कई जिलों पर पड़ेगा, जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की आंधी चली थी। लेकिन यहां बीते कुछ महीनों से साइकिल रफ्तार तेज हो रही है। ऐसे में योगी के चुनाव लड़ने से साइकिल की रफ्तार पर ब्रेक लगाने की कोशिश की जाएगी।