हैदर अली खान नवाबजादे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां भाजपा गठबंधन की तरफ से उतारे गए पहले मुस्लिम प्रत्याशी हैं, जो अपना दल (एस) के टिकट पर स्वार विधानसभा सीट से अब्दुल्ला आजम खान को सीधे टक्कर दे रहे हैं। बता दें कि स्वार सीट नवाब खानदान के मजबूत किले के रूप में उभरी है। यहां हमजा मियां के पिता नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां 2002 से लेकर 2012 तक समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक रह चुके हैं। 2012 में नवेद मियां यहां से अंतिम चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। वहीं, 2017 के चुनाव में उन्हें पहली बार चुनाव मैदान में उतरे अब्दुल्ला आजम के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, इस बार बहुत कुछ बदल चुका है। नवेद मियां ने बेटे हमजा मियां को भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है। हमजा मियां ने दिल्ली के मॉर्डन स्कूल स्कूल शिक्षा हासिल की है। जबकि उच्च शिक्षा उन्होंने लंदन से हासिल की है। 2017 से ही वह पिता के चुनावी प्रबंधन काे संभाल रहे हैं और इस बार डंटकर अब्दुल्ला आजम का मुकाबला कर रहे हैं। हमजा मियां के निजी जीवन की बात करे तो उन्होंने हरियाणा के बिजनेसमैन रोहित सिंह डागर की बेटी आनन्या डागर के साथ कोर्ट मैरिज की थी, जिसके बाद निकाह हुआ और आनन्या शौकत जमानी बेगम बन गईं।
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Raja Bhiya Wife Bhawni Kumari राजा भैया की पत्नी भावनी कुमारी असलहों की हैं शौकीन, जानें रखती हैं कितने असलहें अब्दुल्ला आजम खान अब्दुल्ला आजम खान सीतापुर जेल से जमानत पर छूटने के बाद पुरजोर तरीके से स्वार विधानसभा सीट से जोर-आजमाइश करते नजर आ रहे हैं। वह पिछली बार की तरह ही इस बार भी भारी बहुमत से जीतने का हर हथकंडा अपना रहे हैं। उन्होंने जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए आंसू भी बहाए हैं तो जिला प्रशासन से अपनी जान को खतरा बताकर खुद को निर्दोश बताने का भी प्रयास किया है। बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान ने 2017 में भारी बहुमत के साथ स्वार सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन उम्र के विवाद ने जहां उनकी विधायकी छीनी। वहीं, उन्हें माता-पिता समेत सलाखों के पीछे भी पहुंचाया। जेल से बाहर आने के बाद अब्दुल्ला आजम लगातार विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं और लोगों को अपने पिता का वास्ता देते हुए वोट देने की अपील कर रहे हैं। क्योंकि स्वार भी उसी रामपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। जहां से आजम खान सांसद हैं। आजम खान तो इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं, लेकिन वह अपनी मां तंजीन फातिमा के साथ दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे हैं। अब्दुल्ला आजम एमटेक हैं।
– हिंदू आबादी- 45 फीसदी – सिख-ईसाई आबादी- 4 फीसदी – अन्य – एक फीसदी